नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान ज़िले का आउसग्राम थाना शनिवार को पूरी तरह से रणक्षेत्र में बदल गया। हज़ारों ग्रामीणों ने थाने पर हमला कर जमकर तांडव मचाया। बड़ी संख्या में पहुंचे पुलिस बल व रैफ (रैपिड एक्शन फोर्स) ने स्थिति को नियंत्रित किया। घटना के बाद स्थिति सामान्य करने के लिए जिलाधिकारी डॉ. सौमित्र मोहन, आइजी राजेश कुमार सिह व पुलिस अधीक्षक कुणाल अग्रवाल ने ग्रामीणों के साथ बैठक की। सभी पक्षों ने घटना की निंदा की है।
पुलिस आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। आउसग्राम हाईस्कूल के छात्रों व शिक्षकों ने स्कूल परिसर में अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए थाने का घेराव किया था। गांववालों का आरोप है कि वहां बहस के दौरान उन पर लाठीचार्ज किया गया। इसके बाद शिक्षकों व छात्रों ने ग्र्रामीणों के साथ मिलकर सड़क को जाम कर दिया।
आरोप है कि जाम हटाने के लिए पुलिस ने फिर से लाठी चार्ज किया और दो प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को इस घटना पर रोष जताते हुए ग्रामीणों ने थाना प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। आरोप है कि थाने से कुछ दूरी पर हजारों की संख्या में ग्रामीणों व छात्र जमा हुए और उन्होंने थाने पर धावा बोल दिया। थाने में मौजूद पुलिस वालों को पीटा गया। थाने के सामने खड़े वाहन को क्षतिग्रस्त करने के साथ थाना परिसर में बने अस्थायी कैंप को आग के हवाले कर दिया गया। थाना के अंदर भी तोड़फोड़ की गई। डरे पुलिस जवान थाना छोड़कर फ़रार हो गए। घटना में आठ पुलिसवाले गंभीर रूप से घायल हो गए। थाने के पास अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है। इलाके में शांति के लिए पुलिस ने सड़कों पर मार्च किया। एसपी कुणाल अग्रवाल ने बताया कि थाने पर हमले के मामले में 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
CM ममता ने दिए सख़्त कार्रवाई के निर्देश
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना की जांच काआदेश देते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मामले में शामिल आउसग्राम थाना प्रभारी को पद से हटा दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर तृणमूल के स्थानीय पार्षद चंचल गड़ाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।