लेखक की कलम से जन्म से हर बच्चा में कुछ न कुछ गुण होता है बच्चा जन्म से प्रतिभाशाली होते हैं लेकिन जैसे ही उम्र बढ़ता जाता है परिवार , समाज, शिक्षालय उसके गुणों व विकास में वृद्धि की सहायता तो करते हैं लेकिन बड़े होने पर उसमें वह प्रतिभावान नहीं होता है इससे यह भी अंदेशा होता है कि परिवार,समाज व शिक्षक से होते हुए बच्चा कुंद सा जाता है । हमारी शिक्षा किस काम की जो बच्चों में सर्वांगीण विकास न कर सके जो उसकी धार को पैनी कर दे। हमें हमारे शिक्षा देने पर सोचना चाहिए क्या हम मात्र उसे डिग्री जो कागज में छपी है उसे दे रहे हैं जो उसके जीवन में एक निर्जीव वस्तु है और सहायक नहीं है । हम बच्चा को तुलना महत्वकांक्षी गलाकाट प्रतियोगिता क्यों सिखाए चले जाते हैं , जिससे जन्मजात प्रतिभाशाली बच्चा बयस्क होते तक अपना निजता खो देता है । वह अपने आप को फिर जीवनभर पहचान नहीं पाता कि वह किसलिए जन्मा है और कौन है ? उसका जीने का उद्देश्य क्या है ? हमें एक बार हमारी शिक्षा प्रणाली पर सोचना चाहिए कि वह क्या उत्पादन कर रहा है । प्रस्तुत पुस्तक कक्षा 8 वी में अध्ययनरत विद्यार्थियो के राष्ट्रीय साधन-सह प्रावीण्य छात्रवृत्ति परीक्षा(NMMS) अथवा मेघा परीक्षा के चयन में सहयोग देगा । सभी तरह के प्रश्नो का समावेश इस पुस्तक में किया गया है । विभिन्न राज्यों के प्रश्नो का उल्लेख भी किया गया है । यह पुस्तक अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में उपयोगी है । आशा है कि बच्चों व शिक्षको को यह पुस्तक सफलता प्रदान करेगा | प्रश्नो के उत्तर के चयन में यदि कोई त्रुटि होगा तो अध्ययन कर मैं आगामी संशोधन करने तैयार हूँ । आपका जे के साहू बी.एस-सी( गणित ) , डी.एड एम.ए. ( अर्थशास्त्र व लोक. प्रशा )
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