नई दिल्ली : बदले दौर में चुनाव लड़ने और प्रचार करने का तरीका भी बदल गया है. जिसके चलते पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में जहां एक झटके में वोट देकर नई सरकार चुनी जाएगी. वहीँ इस बार यूपी में भी उम्मीदवारों को प्रचार के लिए बेहद कम समय मिला है. उत्तर प्रदेश में तो नामांकन और मतदान के बीच 20 दिन से भी कम का वक़्त है. ज़ाहिर तौर पर चुनाव का ये झटपट वाला दौर है जहां पहले की तरह अब महीनों तक चलने वाला प्रचार प्रसार देखने को नही मिलेगा.
परीक्षार्थियों को मिलेगी शोरगुल से राहत
पहली बार देश के मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने चुनाव के प्रचार से होने वाले शोरगुल से बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे परीक्षार्थियों को होने वाली परेशानियों और खर्चे पर लगाम लगाने की कोशिश की गयी है. जिसके चलते चुनाव आयोग के 17 जनवरी को नोटिफिकेशन करते ही उम्मीदवार अपना नामांकन कर सकेंगे. यह नामांकन 24 जनवरी तक किये जा सकेंगे. इसके साथ ही 25 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. यही नहीं नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 27 जनवरी सुनिश्चित की गयी है.
भाग प्रत्याशी भाग के फार्मूले पर होगा चुनाव
फिलहाल भागदौड़ वाले इस जमाने में इस बार चुनाव आयोग ने भी विधानसभा चुनाव में 'भाग प्रत्याशी भाग' वाला फार्मूला अपनाया है. जिसके चलते अपनी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में जुटे यूपी के छात्र और छात्राओं को प्रचार से होने वाले शोरगुल से अधिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसके साथ ही प्रत्याशियों के प्रचार में लगने वाली गाड़ियों और नेताओं के साथ चलने वाले लोगों के खानपान इत्यादि व्यवस्थाओं पर खर्च किये जाने वाले धन पर भी अंकुश लगेगा.
फिजूली खर्चों पर लगेगी लगाम
मालूम हो कि चुनाव कि तैयारी और प्रचार में जुटे लोगों के लिए हर उम्मीदवार सुबह और शाम उनके खाने-पीने से लेकर हर सुविधा का ध्यान रखता है. जिस पर उसका रोजाना हजारों रुपये व्यय होता है. लेकिन इस बार प्रचार का बहुत कम समय होने के कारण लंबे समय तक चुनाव प्रचार नहीं किया जा सकेगा. इसके चलते जब कम समय प्रचार करने के लिए होगा तो प्रत्याशियों का धन भी फिजूली खर्चों से बचेगा.