shabd-logo

प्रेम


मैं हेमलता  ,अंत में अपना परिचय देने के लिए माफ़ी लेकिन अगर आप को मेरा लेख अच्छा लगा तभी आप मेरे बारे में जानना चाहेंगे नहीं तो पहले परिचय देने पर भी आप परिचय नहीं देखेंगे !   मै एक हीलर हूं कृपया मेर

बिंदु , मुक्ता ,राकेश   और हेमलता   दोस्त  हैं ! वह सब हर महीने एक दिन किसी के घर पर मिलते हैं ! आज सब मुक्ता  के घर मिलने वाले हैं ! सब उसके घर आतें हैं सब खुश हैं वहां आतें हैं तो देखते हैं की मुक्त

"म्याऊँ... म्याऊँ.... बिल्लो रानी कहो तो अभी जान दे दूं...."- डब्बू बिल्ला पूसी बिल्ली को मनाने के लिए यह गीत गा रहा था, लेकिन पूसी पर गीत का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था...

बरसों से सहेजा ख्वाब,सूखे पत्ते-सा उड़ जायेगा। सोचा नहीं था, इक आंधी के झौंके-से,दो हंसों का जोड़ा बिछुड़ जायेगा...!        आह ! इंदु.. तुम भी ना ! ऐसे, ऐसे कौन बिछुड़ता

       उसका चेहरा श्यामवर्ण है, लेकिन जब वह आती है; तो उसे लगता है कि वह गौरवर्ण हुआ जा रहा है। उसकी आंखें छोटे आकार की हैं, लेकिन जब वह आती है; तो उसे लगता है कि उसकी आंखें बड़ी ह

हजारों-लाखों बूंदें नहीं भिगा पाईं मुझे, लेकिन उसके पलकों से गिरी एक बूंद ने पूरी तरह भिगा दिया था मुझे....

मुझे भरोसा है अपने ईष्ट देव पर। वो एक दिन जरूर वापस आयेंगे। कुमाऊँ रेजिमेंट में भर्ती हुए अभी उनको पूरे ढाई साल भी नहीं हुए हैं और आर्मी वाले कहते हैं कि गायब हो गये...

अधूरे मन की आस

मेरे प्यार को तुने पैरों तले रौंद दियापर तेरे पग धुरी को भी मैं प्रसाद के तरह स्वीकार कियाकिस तरह लोगे मेरे प्यार की परीक्षाभूखे रखकर, अग्नि में जलाकर या जहर पीलाकरचाहे जिस तरह ले लो मेरे प्यार की परी

मेरा कष्ट बढ़ाकर तुमको आता है आनंद मुझे छटपटाता देखकर तेरा पुलकित होता मन दिल तड़पाकर क्या चाहते हो दिल दुखाकर क्या चाहते हो  मुझको रुलाकर क्या चाहते हो क्या चाहते हो 

निष्कर्ष के कहने पर काश्वी ने उत्कर्ष को रिप्लाई किया और एडमिशन के लिये हां कर दिया… कुछ घंटे बाद ही रिप्लाई आया जिसमें कंफरमेशन के साथ काश्वी को 15 दिन में ज्वाइन करने को कहा गया रिप्लाई आते ही काश्

वियोग श्रृंगार की मार्मिक प्रेमकथा....

"आप, आप तो पिछली बार भी आये थे।""जी मैंम।""हां,तभी तो। कुछ याद जैसा आ रहा है।"थोड़ी देर चुप्पी...

अब तक आपने पढ़ावो सोच रही थी कि ये बेचारा कितना डर रहा है अपनी मॉम से 😄 , मैं तो डरती ही नहीं हूँ और कोई अपनी माँ से इतना भी डरता है क्या ? 😄😄 अब आगेजब प्रतिक्षा देखी की सब लोग खा चुके है तो

अब तक आपने पढ़ावो अपने सोच कि दुनियां से बाहर आया और फिर  फ्रेश होने चला गया । थोड़ी देर में वो अच्छे से तैयार होकर नीचे आया ।अब आगे      प्रशांत को नीचे आते देख कर उसकी मॉम उसके ड

सच तो इश्क़ और फिज़ा है।                                                 &n

घर घर की कहानी रचना एक परिवार के हर मनुष्य के किरदार ओर उनकी कमजोरियों को बताती है । “हर समाज और हर घर में समाज के बड़े बुजुर्ग लोगों के द्वारा जो भी कह दिया जाता था। वह पत्थर की लकीर बन जाती थी” उस स

         एक दफा का जिक्र हैं । किसी दूर दराज के मूल्क में चिल जैसे काले बाल वाला एक बहुत ही खुबसुरत बादशाह रहता था । उस बादशाह के ईमानदारी और दौलत के वजह से उसे बहुत पसंद किया

काश्वी ने देखा तो उसका ईमेल खुला हुआ है वहीं मेल जो उत्कर्ष ने उसे किया… मेल में उत्कर्ष ने काश्वी को रिमांइड कराया कि उसे जल्द एडमिशन के बारे में फैसला करना है… काश्वी सब समझ गई… उसका डर अब उसके सामन

तुम्हारे बग़ैर मैं बहुत खचाखच रहता हूँ यह दुनिया सारी धक्कम-पेल सहित बेघर पाश की दहलीजें लाँघ कर आती-जाती है तुम्हारे बग़ैर मैं पूरे का पूरा तूफ़ान होता हूँ ज्वार-भाटा और भूकम्प होता हूँ तुम्हारे