कोरोना का पीक चल रहा था,लोगों की मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे थे।चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ था।हर ऑफिस, उद्योग पर ताले लग चुके थेया वहां की सुनसानियत लोगों के भय को बता रही थी।हजारों मजदूरों के साथ सेंट्
नई दिल्ली में बन रहे नए संसद भवन यानी सेंट्रल विस्टा की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक यानी अशोक की लाट पर बने सिंह शीर्ष के हिंसक होने और सारनाथ में मौजूद असली प्रतीक वाले शेकर के सौम्य होने को लेकर
गतांक से आगे:-दोनों जल्द से जल्द होस्टल पहुंच जाना चाहते थे। क्यों कि आज पहला दिन था हास्टल मे ।वो अपनी छवि खराब नही करना चाहते थे वार्डन के आगे।जोगिंदर ने वार्डन से दो घंटे की महोलत मांगीं थी दो घंटे