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आखिर खता क्या थी मेरी (भाग-4)

23 नवम्बर 2022

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रचनाएँ
आखिर खता क्या थी मेरी ?
4.6
एक ऐसी लड़की की कहानी जो मर के भी मर ना सकी और अपने प्यार के लिए सब कुछ कुर्बान कर गयी । आईए आप भी पढ़ें कनक की कहानी कनक की जुबानी
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आखिर खता क्या थी मेरी? (भाग -1)

21 नवम्बर 2022
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यह कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है। लेकिन पात्रों के नाम व पृष्ठभूमि को बदल दिया गया है।हो सकता है परिवेश का नाम काल्पनिक हो इसे अन्यथा ना ले। धन्यवाद।राजस्थान का छोटा सा गांव सुजानगढ़।भोर हो गयी थी

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आखिर खता क्या थी मेरी?(भाग-2)

22 नवम्बर 2022
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गतांक से आगे:-रोने की आवाज की तरफ चलते हुए ठाकुर साहब ने देखा एक उन्नीस बीस साल की लड़की उनके दलान(पहले के जमाने में मुख्य द्वार के बाद एक कमरा सा होता था जिसे दालान कहते थे अजनबी अतिथि वह

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आखिर खता क्या थी मेरी?(भाग:-3)

22 नवम्बर 2022
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गतांक से आगेजैसे ही ठाकुर साहब ने उसके जुडे़ हुए हाथ देखे उस को इशारे से अपने पास बुलाया। वो एक क्षण में उनके सामने खड़ी थी। "लाली ये तो मुझे पता चल गया कि तू कोई रुकी हुई आत्मा है मुझ से क्या चाहती ह

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आखिर खता क्या थी मेरी (भाग-4)

23 नवम्बर 2022
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गतांक से आगे.…. जल्दी-जल्दी कदम बढ़ा कर ठाकुर साहब उसी चबूतरे पर पहुंचे जहां कनक से उस की आपबीती जानने का वादा कर के आये थे।

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आखिर खता क्या थी मेरी (भाग-5)

23 नवम्बर 2022
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गतांक से आगे... दरवाजे पर हुई दस्तक से मन एक बार को कांप गया कही वो तो...।पर जब दरवाजा खोला तो सामने पिता जी खड़े थे ।आज शायद जल्दी आ गये थे।छोटी मां के जाने के

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आखिर खता क्या थी मेरी?(भाग-6)

23 नवम्बर 2022
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गतांक से आगे:-जैसे ही ठाकुर महेन्द्र प्रताप घर पहुंचे बड़ी बहू आंगन में झाड़ू लगा रही थी ससुर को इतनी जल्दी नित्य कर्म से हो कर आता देखकर हैरान रह गयी। ठाकुर साहब खंखार करके अपने कमरे में आ गये बहू भग

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आखिर खता क्या थी मेरी?(भाग:-7)

24 नवम्बर 2022
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गतांक से आगे.… मां पिता जी के कमरे में दहाड़ती हुई पहुंची मेरा दिल धड़क धड़क कर रहा था बस यही लग रहा था कि मैंने तो कोई ऐसी" खता" भी नहीं की जो मां ऐसा व्यवहार कर रही है पर

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आखिर खता क्या थी मेरी?(भाग:-8)

24 नवम्बर 2022
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गतांक से आगे... "ददू मेरी तो जान ही निकल गई जब मैंने रमा के मुंह से ये बात सुनी।"कनक की आत्मा पत्ते की तरह कांप रही थी वो पगली क्या जानती थी कि अब क्यों कांप रही है अब तो उस जगह पर थी वह जहां उस

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आखिर खता क्या थी मेरी?(भाग:-9)

24 नवम्बर 2022
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गतांक से आगे.. भगवान सिंह के बोलने पर ठाकुर साहब उसकी ओर देखते हुए बोले,"बता भगवाने कै बात है क्यूं तावल मचा रहिया है।"भगवान सिंह ने गनपत की हवेली के कागजात ठाकुर के सामने रखते हुए कहा,"पिताजी ज

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आखिर खता क्या थी मेरी?(भाग:-10)

26 नवम्बर 2022
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गतांक से आगे.… जिसका डर था वहीं बात बनी ।छोटी मां और कालू मुझे ऐसे ढूंढ रहे थे जैसे खोजी कुत्ते सुराग़ ढूंढते हैं।कालू ने मुझे पहचान लिया था।वो भुखे शेर की तरह

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आखिर खता क्या थी मेरी?(भाग:-11)

26 नवम्बर 2022
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गतांक से आगे… ठाकुर साहब का आज मन बहुत भारी था कनक की दुःख भरी दास्तां सुनाने के बाद बरबस आंखों से आंसू आये जा रहे थे।आज ठाकुर साहब ने कुल्ला करके नाश्ता भी नहीं किया ।भारी मन

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आखिर खता क्या थी मेरी?(भाग:-12) अंतिम

26 नवम्बर 2022
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गतांक से आगेकनक गला फाड़कर रो रही थी ,"ददू !यही फर्श के नीचे मेरा पार्थिव शरीर गढ़ा है। मुझे मुक्ति दिला दो ददू मेरे सैफ मेरा इंतजार कर रहे हैं।"ठाकुर साहब की आंखों में अविरल आंसू बह रहे थे जाप न

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