यह पुस्तक धार्मिक आध्यात्मिक विषयो और ज्योतिष ज्ञान के बारे में है। जिसमे विभिन्न ग्रन्थों में दी गई जानकारी को संक्षेप रूप में जन जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है। वर्तमान समय मे सनातन संस्कृति के बारे में बहुत अधिक झूठा प्रचार प्रसार ज्योतिष और
"मेरे बचपन का काफी समय मध्य प्रदेश के दूरदराज कस्बों गांवों में बीता क्योंकि तब मेरे पापा पुलिस विभाग में थानेदार थे। वे उनमें से थे जिनका ज़मीर सदा भरपूर जीवित रहा। इमानदारी व सच्चाई उनके खून में बहती थीं। इसलिए मेरे पास बचपन की याद के तौर पर रहस्य
कुछ चीजें अनुभव से भी परे होती हैं। कभी-कभी अनुभव की ये पोटली गलत भी साबित हो जाती है। जिन चीजों का अनुभव भी नहीं उन्हीं यादों के अधूरे पन्नो को कविताओं के रूप में लाने का एक प्रयास !
संसार ने रावण को एक दैत्य के रूप में तो जाना है,पर इस पुस्तक के द्वारा परम शिवभक्त,परम पांडित्य ज्ञाता ,लंकेश ,रावण को एक भिन्न दृष्टि से देखकर अपनी बुद्धि अनुसार लिखने का प्रयास किया हैं। जय श्री राम ॐ नमः शिवाय
वो बेहद गरीब और अनपढ़ थी , फटे पुराने कपड़े पहनती थी और रूखा सूखा खाती थी । पर अपने ही स्पष्ट विचारों से उसने अपने जीवन को सरस और प्रफुल्लित बना रखा था । और इसी ‘ बकरी बाई ‘ ने मुझे एक लेखिका बना दिया । ‘ चोरी के जेवर ‘ में जेवरों की चोरी ! किसके जे
हाइवे पर एक फार्चून गाड़ी फुल स्पीड में चल रहा था उसमे बैठे पति पत्नी बहुत एक्साइटेड थे क्योंकि आज उनकी फस्ट एनिवर्सरी जो था। सोहन और गीता अपने एनिवर्सरी मनाने के लिए गीता के मायके जा रहे थे, गीता के परिवार के बहुत आग्रह करने पर सोहन ना नहीं कर सका,
ये कहानी कामिनी नामक लड़की की है, वो किस तरह, अंगूरी देवी की छोटी बहू बन जाती है? और किस प्रकार वो उस रहस्यमयी हवेली तक पहुँच जाती है, ये सब आपको इस कहानी को पढ़कर पता चलेगा, कामिनी कैसे एक - एक कर कहानी के रहस्यों को खोलती है जानने के लिए पढ़िये- "ह
अक्सर हमें अपने जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिनके समाधान हेतु हमारे धार्मिक ग्रंथों में कई प्रकार की विशेष जानकारियां दी गई है। इस किताब में हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ बेहद आसान प्रयोग कर आप भी अपने जीवन की सा
विविध रंगों से भरे इस जीवन में अनेक ऐसी संभावनाएँ हैं जहाँ सकारात्मक सोच कर जीवन को सुगम और सरल बना सकते हैं स्वच्छ और पवित्र भावनाओं का केंद्र बिंदु जहाँ प्रेम कर्त्तव्य की वेदी से होकर रूह में समाहित हो समर्पित हो रहा है इस उपन्यास "अगर तुम ना होते
कविता हमारी संवेदना के निकट होती है। वह हमारे मन को छू लेती है। भावनाएं दिल की शब्दो में जब समाए बनकर कविताएं कागज़ पर उतर जाए एहसासों का समर्पण लफ़्ज़ों को कर अर्पण मन दर्पण को सजाएं कुछ मन के सवाल कही मोह का जाल किसी के हृदय की पीर कुछ यादों की त
इस किताब में आपको मेरी कुछ रचनाओं का संकलन मिलेगा मैने इस पुस्तक में अपना परिचय , प्रेम, वियोग, फिर खड़े होकर लडना, वैराग्य और बुढ़ापे तक के जीवन की कल्पना करके लिखा है आशा है आप सब को पंसद आएगी और सबसे महत्वपूर्ण मेरे आराध्य श्री राम के लिए भी कुछ
मैने अपनी इस पुस्तक में हमारी जिन्दगी के कई मोड़ो पर कविताएं लिखने की कोशिश की है।
एक रोमांटिक और दर्द से भरी प्रेमकहानी,जिसमे कोई पागलपन की हद तक प्यार करे।
योग आसन के बारे में जानकारी योग आसन विधि और लाभ कब करना चाहिए और कब नहीं योग अपनाएं और अपने जीवन को स्वस्थ और सुंदर बनाइए योग करेगा सबका उपचार : जानिए किस बीमारी में कौन सा आसन करे
ये कहानी तीन मुख्य पात्रों के इर्द गिर्द घूमती है इन किरदारों से हमारा सामना होता रहता है।इस कहानी के जीवंत संवाद आपको एक नई दुनिया में लेकर जाएंगे और आप खुद को कहानी के एक पात्र के रूप मे महसूस करेंगे।
स्वाद का हर व्यक्ति दिवाना होता है। स्वाद मीठा किसी को पसंद होता है तो किसी को कड़वा तो किसी को चटपटा तो किसी को खट्टा आदि। कोई दक्षिण भारतीय व्यंजनों का दिवाना होता है तो कोई गुजराती ढोकले का।सबका पसंद अलग-अलग होता है लेकिन भोजन बिना हर जीवन बेकार ह
अक्सर ऐसा होता है कि जो हम चाहते हैं वह नहीं होता फिर भी हमें स्वीकार करते हुए संतुष्ट होना रहता है, हालांकि यह मन की चाहत नहीं होती है फिर भी अनेक बंदिशों के कारण स्वीकारना होता है।कभी समाज के लिये तो कभी अपनों के लिये।मन में लिये अपनी खुशी के लिये
मेरी पुस्तक "अचार ही अचार"में विविध प्रकार के अचार बनाने की बहुत ही सरल विधियां बताई गई हैं जिसे पढ़कर आप कोई भी अचार बहुत ही आसानी से बना सकते हैं। जो लोग अपनों को अपने हाथों से बना अचार बना कर खाना और खिलाना पसंद करते हैं उनके लिए ये पुस्तक बहुत ह
कविता जो जन्म लेती है अंतर्मन में विचार रूपी बीज से कवि उसे धारण करता है भावनाओं के गर्भ में समय के साथ पोषित होती है और विकसित होते हैं उसके कोमल अंग छंद , अलंकार , रस और श्रृंगार फिर किसी स्याह रात में जन्म लेती है नवजात कविता..