26 फरवरी 2022
शनिवार
मेरी प्यारी सखी,
आज सुबह जल्दी जागकर स्नानादि से निवृत्त होने के पश्चात हम लोगों को घूमने के लिए निकलना था। शाम को ही पतिदेव ने निर्देश दिए थे कि जल्दी खा पी कर सो जाओ। ताकि कल जल्दी तैयार हो जा सको।
हम लोग भी सुबह जल्दी तैयार हो गए। 6:30 बजे हमने चाय पी कर बोट वाले को फोन किया तो पता चला धुंध होने की वजह से अभी वोट नहीं चलेगी। करीबन 1 घंटे का इंतजार करने के पश्चात धुंध छंटने लगी।
उसके बाद वोट वाले ने फोन कर बताया अब आप लोग आ जाइए। हम बोट तैयार कर चुके हैं। हम लोग जल्दी से निकल पड़े।
उस घाट पर जाने पर पता चला हमारी बोट उस स्थान पर नहीं थी। हमें जिस बोट में बैठना था, वह बहुत ज्यादा दूर था। जिस कारण हमें वहां खड़ी गाड़ियों में सवार होकर अपने वाले घाट तक जाना पड़ा।
धीरे-धीरे हम अपने तयशुदा वोट में बैठे। आज की यात्रा बड़ी ही सुखद रही। वोट में ही खाना पीना था। ऐसा अनुभव हमारा पहली बार रहा। नाविक ने बताया कुछ ही समय बाद ज्वार आने वाला है।
अभी-अभी अपने लाॅज़ में आए हैं। बस कार्न सूप का मजा ले रहें हैं। बिस्तर पर पसरे हुए हैं।
अभी के लिए इतना ही। फिर मिलते हैं।
प्रतिलिपि लेखिका
पापिया