आंखों की खिड़की से दिल के बंद दरवाजे तक
मुहब्बत का यह सफर कुछ ऐसा सुहाना हुआ
इश्क की मधुर गूंज नस नस में सुनाई देने लगी
प्यार में ये मन दीवाना, परवाना, मस्ताना हुआ
आंखों में सजी है एक बहुत खूबसूरत सी तस्वीर
उसके सामने ये बेरंग जमाना बड़ा बेगाना हुआ
लहू बनके दौड़ रहा है इश्क दिल की धड़कन में
बच्चे बच्चे की जुबां पे मशहूर ये अफसाना हुआ
हरिशंकर गोयल "हरि"
19.1.22