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हंगामा- कुमार विश्वास

14 अक्टूबर 2021

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भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा। 

हमारे दिल में कोई ख़्वाब पल बैठा तो हंगामा।। 

अभी तक डूबकर सुनते थे सब क़िस्सा मुहब्बत का,

मैं क़िस्से को हक़ीक़त में बदल बैठा तो हंगामा।। 

कभी कोई जो खुलकर हंस लिया दो पल तो हंगामा। 

कोई ख़्वाबों में आकर बस लिया दो पल तो हंगामा।। 

मैं उससे दूर था तो शोर था साज़िश है, साज़िश है,

उसे बाहों में खुलकर कस लिया दो पल तो हंगामा।। 

जब आता है जीवन में ख़यालातों का हंगामा। 

ये जज़्बातों, मुलाक़ातों हंसी रातों का हंगामा।। 

जवानी के क़यामत दौर में यह सोचते हैं सब,

ये हंगामे की रातें हैं या है रातों का हंगामा।। 

कलम को ख़ून में ख़ुद के डुबोता हूँ तो हंगामा।  

गिरेबां अपना आंसू में भिगोता हूँ तो हंगामा।। 

नहीं मुझ पर भी जो ख़ुद की ख़बर वो है ज़माने पर, 

मैं हंसता हूँ तो हंगामा, मैं रोता हूँ तो हंगामा।। 

इबारत से गुनाहों तक की मंज़िल में है हंगामा। 

ज़रा-सी पी के आये बस तो महफ़िल में है हंगामा।। 

कभी बचपन, जवानी और बुढ़ापे में है हंगामा। 

जेहन में है कभी तो फिर कभी दिल में है हंगामा ।। 

हुए पैदा तो धरती पर हुआ आबाद हंगामा। 

जवानी को हमारी कर गया बर्बाद हंगामा।। 

हमारे भाल पर तकदीर ने ये लिख दिया जैसे। 

हमारे सामने है और हमारे बाद हंगामा।। 

कुमार विश्वास की अन्य किताबें

पुस्तक प्रकाशित करें
अनूप अम्बर

अनूप अम्बर

सरस्वती मां की विशेष कृपा है आप पर,, आपका पद चिन्हों का अनुसरण कर रहा हूं ।। होते है होने दो,हंगामा भी जरूरी है । जिंदा हो तो फिर नजर आना जरूरी है ।।

23 सितम्बर 2022

लिपिका भट्टी

लिपिका भट्टी

वाह क्या बात!

9 सितम्बर 2022

Randhir Sìngh

Randhir Sìngh

हंगामा है हंगामा

5 सितम्बर 2022

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

वाह वाह वाह बहुत खूब 👌👌

8 अगस्त 2022

Pragya pandey

Pragya pandey

बहुत सुंदर कविता 👏👏👌👌

22 अक्टूबर 2021

अमितेश मिश्र

अमितेश मिश्र

क्या बात है... दिल खुश हो गया 🙏🙏

19 अक्टूबर 2021

brajmohan

brajmohan

हंगामा,है, यहाँ सच मे मचाया घोर हंगामा, हर शब्द का है, शब्द इन पर शोर हंगामा, पढा जबसे ये हंगामा, हमे हंगामा दिखता है, ये शायद "आप" का है," आप" मे बेजोड़ हंगामा. बहुत बहुत सुन्दर भावपूर्ण, मनभावनी रचना,,,, बधाइयाँ.

19 अक्टूबर 2021

आलोक सिन्हा

आलोक सिन्हा

बहुत सुन्दर

15 अक्टूबर 2021

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