नम्र निवेदन के दो शब्द प्रिय पाठक गण , वर्तमान युग के भौतिक वाद क्षेत्र में वैज्ञानिक विचारधारा से प्रभावित मानव जगत अछता अवशेष नहीं है | ऐसे समय में साहित्य रचना अथवा काव्य रचना लेखक या कवि के लिए
भारत का स्वाभीमान है हिंदी भारत की पहचान है हिंदी संस्क्रति की पहचान है हिंदी भाषा का प्रसार है हिंदी नवयुग का आधार है हिंदी भारत का स्वाभिमान है हिंदी भारत की पहचान है हिंदी भारत का मान है हिंदी और वीरो कीअभिमान है हिंदी तिरंगे की शान ह
समुंदर कहीं उलट न जाए आसमान में यह एक मिसरा (लाइन ) है जो मेरे एक शे'र का भाग है, शे'र जो मेरी एक ग़ज़ल का अंश है, ग़ज़ल जो मेरी इसी किताब का एक हिस्सा है....ऐसी कई परिकल्पनाएं होंगी इस किताब में। 42 साल के साहित्य सृजन में कोई 10 साल की है मेरे ग़
यह सभी तब शुरू हुआ जब मेने अपने आप को एक लेखक क रूप देखना चाहा और फिर ऐसे ही ढलती शाम और रात भर जागने के बाद सुबह के सूरज को देख जो कुछ महसूस हुआ वो सब शब्दों में ढालने एक कोशिश और आस पास के अनुभवों से कुछ अभिव्यक्ति तक का सफर पन्नो में छुपाने का प्
मनुष्य अशेष भावनाओं से पोषित है, जो समाजिकता का आधार है, मनुष्य से मनुष्य की संलग्नता की ओर प्रेरित होता है और जीवन का प्रेरकत्व बनता है, इसी से समाजिकता का आविर्भाव होता है, हम जीवन के विसद आयामों से परिचित होते हैं, जिसकी अनुभूति से मनुष्यता के पथ
रोज के जीवन के कुछ किस्से ,जो आय दिन घटते रहते है। मेरे साथ आनंद लीजिये उनका........जो सिर्फ किस्से है, कहानिया नही!
पुस्तक मे भारत की भूमि और इसकी एककेता और वीरता का वर्णन किया गया है। इसमें आपको भारत की मातृभूमि के लिए ओजस्वी कविताएं एवं गौरवपूर्ण बातें लिखी हुई देखने लिखने को मिलेगी जो हमें अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित होने की भावना देगी और अपनी मातृभूमि की
प्रिय पाठकों , मैं आनंद राज क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान भुवनेश्वर (NCERT) तृतीय वर्ष स्नातक का विद्यार्थी हूं और आपके समक्ष यह पुस्तक "उस प्यारी सी लड़की के बिन" प्रस्तुत कर रहा हूं। वास्तव में पुस्तक का यह शीर्षक प्रसिद्ध कवि श्री कुमार विश्वास की एक क