उस पुस्तक में शब्द प्रतियोगिता के दैनिक प्रतियोगिता के विषय पर लिखें गए लेख, कहानी, संस्मरण, और कविता सम्मिलित हैं।
प्रसिद्ध लेखक प्रभात रंजन लघु प्रेम की बड़ी कहानियाँ ‘कोठगोई : चतुर्भुज स्थान के किस्से’ पर प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक इम्तियाज़ अली का कहना है – “बोरिंग चीज़ें नहीं चलती, जिनमें रस होता है वही चलती हैं, वही देर तक मौजूद रहती हैं। कोठों की किस्सागोई मुल्क
Kavy-Chintan Ki Pashchimi Parampara Read more
Todoon Dilli Ke Kangoore Read more
The capability of reading and other personal skills get improves on reading this book Sudama Pandey Ka Prajatantra by Dhoomil.This book is available in HINDI with high quality printing.Books from poems category surely gives you the best reading exper
पत्रकार जब देर रात अपना दफ़्तर छोड़ता है, तो उसका थका हुआ शरीर एक ज़िन्दा जीवाश्म की तरह होता है। उसके हाथ ख़ून से सने होते हैं। सैकड़ों हत्याएँ, दुर्घटनाएँ, दुष्कर्म, लूट, गैंगवार, दंगे, साज़िशें आदि-आदि ख़बरों की गूँज वो अपने दिमाग़ में लेकर घर पहुँच
जितनासोचताहूँउतनाहीकन्विसहोताजाताहूँकिइतिहासकीबेड़ियाँहमारेआगेबढ़नेमेंसबसेबड़ीबाधाहैं।झूठहैकिइतिहासहमेंआगेकीरोशनीदिखाताहै।मुझेतोअपनेयहाँएकभीप्रमाणनहींमिलताजबकिसीव्यक्तियाजातिनेइतिहाससेकुछसीखाहो।हमउन्हींगलतियोंकोबार-बारदुहरातेहैंऔरअपनेसमाधानअपनीपरिस्थ
निर्मल वर्मा के ये साक्षात्कार 2 पुस्तकों में पूर्वप्रकाशित हैं। पहली पुस्तक 1998 में किताबघर की श्रृंखला 'मेरे साक्षात्कार' के लिए उन्होंने स्वयं तैयार की थी। इसमें उन्होंने हिन्दी और अंग्रेज़ी में दिये अपने साक्षात्कार शामिल किये थे। दूसरी पुस्तक ‘स
द्वितीय विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि में किशोर वय के प्रेमियों की कोमल-करुणहाथा शुरू होती है, जिसमे ईसाई लड़का एक यहूदी लड़की को अपने पढ़ने की कोठरी में छिपा देता है,ताकि वह कन्संट्रेशन केंप भेजे जाने से बच जाए। धीरे-धीरे कोठरी के बाहर का जीवन कोठरी के भीतर
प्रकृति अपना हर काम आनन्द से करती है। हर मौसम, हर दिन और हर रात में एक प्रवाह है, आनन्द है। प्रकृति का हर जीव नयी संरचना मुग्ध होकर करता है। मुग्धता कभी गलत नहीं हो सकती। इसे इस तरह से समझना ज़रूरी है कि जिस क्रीड़ा से स्त्री और पुरुष निकट आते हैं, द
किस्सा है अमरावती का, वैसे अमरावती अभी तो 72 वर्ष की है पर यह घटना पुरानी है।
“बढ़ता जाता एक और कदम” एक और कदम एक कविता संग्रह है जिसमें जिसे चार भागो मे विभाजित किया गया है प्रेरणादायक अनुभूति सामाजिक और बेतरतीब इस किताब को पढ़ने वालों को अलग-अलग भावनाओं से गुजरने का मौका मिलेगा ऐसी कवि की आशा और प्रयास भी। कुछ कवितायें जैसे
शब्दों की लड़ी ....
ये किताब संग्रह होगा यूंही मेरे और आपके मन में आया विचारो का, को कोई लफ्ज़ या चीज़ देखकर आते है, आपको पसंद आएगा, मैंने कोशिश की है आप ज्यादा से ज्यादा पढ़ना पर पढ़ने के लिए जरूर इसे अपने पुस्तकालय में खरीदकर रखे।
मैं नवीन लेखक "निर्मल गुप्ता",अपने ह्रदय की भावनाओं को शब्द रुपी मोतियों में पिरोकर,अनूठी मालाओं का सृजन कर पाठकों को भेंट करना चाहता हूं । यह पुस्तक एक काब्य- संग्रह है , जिसमें जीवन के गहन अनुभवों को कविता के माध्यम से प्रस्तुत कर पाठकों के समक्
इस किताब के माध्यम से दैनिक जीवन में होने वाली दिन-प्रतिदिन की घटनाओं और मानव के संस्कारों एवं समाज में होने वाले परिवर्तन को एक कविता के माध्यम से उकेरा जायेगा। जिसमें सभी प्रकार की कविताएं संग्रहित रहेगी।
मन के अन्दर तरह तरह के उद्गार उठते रहते हैं जो कि मनुष्य के मन की स्वभाविक प्रक्रिया है।इन्हीं उद्गारों के शब्दों को संवेदनाओं के साथ सजाकर उन्हें काव्य के रुप में सहेज का प्रयास है'मन की कोठर से....'।इसके पहले इसी तरह की कोशिश 'शब्द कलश'(योर कोट्स स
मैं इस किताब के माध्यम से अपने मन के भाव ,कविता , कहानी और शब्दों को अपनी कलम की आवाज से आप सभी को समर्पित करना चाहता हूं