Bhagwandass Morwal
Halala
भगवानदास मोरवाल की किताब 'हलाला' में इस्लाम के नियमों का एक पुनरावलोकन किया गया है, हलाला जैसे नियमों का प्रत्याख्यान किया गया है और स्त्री के संघर्ष का एक हैरतनाक चित्र खींचा गया है। और इन सबकी पृष्ठभूमि में मेवात की एक कहानी है जिसे लेखक अपने निराल
Halala
भगवानदास मोरवाल की किताब 'हलाला' में इस्लाम के नियमों का एक पुनरावलोकन किया गया है, हलाला जैसे नियमों का प्रत्याख्यान किया गया है और स्त्री के संघर्ष का एक हैरतनाक चित्र खींचा गया है। और इन सबकी पृष्ठभूमि में मेवात की एक कहानी है जिसे लेखक अपने निराल
Sur Banjaran
सुर बंजारन हिन्दी के देशज और लोक-मानस की अनुकृतियों को उकेरने वाले कथाकार भगवानदास मोरवाल की छठी औपन्यासिक कृति है। यह उपन्यास लगभग मरणासन्न और विलुप्त होती लोक-कला का दस्तावेज़ भर नहीं है, बल्कि एक अलक्षित और गुम होती विरासत का सांस्कृतिक इतिहास भी ह
Sur Banjaran
सुर बंजारन हिन्दी के देशज और लोक-मानस की अनुकृतियों को उकेरने वाले कथाकार भगवानदास मोरवाल की छठी औपन्यासिक कृति है। यह उपन्यास लगभग मरणासन्न और विलुप्त होती लोक-कला का दस्तावेज़ भर नहीं है, बल्कि एक अलक्षित और गुम होती विरासत का सांस्कृतिक इतिहास भी ह