shabd-logo

भगवती चरण वर्मा के बारे में

भगवतीचरण वर्मा हिन्दी साहित्यकार थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1971 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

no-certificate
अभी तक कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है|

भगवती चरण वर्मा की पुस्तकें

चित्रलेखा

चित्रलेखा

चित्रलेखा’ न केवल भगवतीचरण वर्मा को एक उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठा दिलानेवाला पहला उपन्यास है, बल्कि हिन्‍दी के उन विरले उपन्यासों में भी गणनीय है, जिनकी लोकप्रियता बराबर काल की सीमा को लाँघती रही है। ‘चित्रलेखा’ की कथा पाप और पुण्य की समस्या

0 पाठक
0 रचनाएँ
0 लोगों ने खरीदा

प्रिंट बुक:

298/-

चित्रलेखा

चित्रलेखा

चित्रलेखा’ न केवल भगवतीचरण वर्मा को एक उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठा दिलानेवाला पहला उपन्यास है, बल्कि हिन्‍दी के उन विरले उपन्यासों में भी गणनीय है, जिनकी लोकप्रियता बराबर काल की सीमा को लाँघती रही है। ‘चित्रलेखा’ की कथा पाप और पुण्य की समस्या

0 पाठक
0 रचनाएँ
0 लोगों ने खरीदा

प्रिंट बुक:

298/-

भूले बिसरे चित्र

भूले बिसरे चित्र

एक महान् कृति, भारतीय समाज और परिवार के विकास की विविध दिशाओं और रूपों का एक विराट एवं प्रभावोत्पादक चित्र। -डॉ. एस.एन. गणेशन निकट अतीत के चित्रों का एक एलबम—वह अतीत जिसे वर्तमान पीढ़ी को न भूलना चाहिए और न जिससे विमुख ही होना चाहिए, क्योंकि उसी

0 पाठक
0 रचनाएँ
0 लोगों ने खरीदा

प्रिंट बुक:

498/-

भूले बिसरे चित्र

भूले बिसरे चित्र

एक महान् कृति, भारतीय समाज और परिवार के विकास की विविध दिशाओं और रूपों का एक विराट एवं प्रभावोत्पादक चित्र। -डॉ. एस.एन. गणेशन निकट अतीत के चित्रों का एक एलबम—वह अतीत जिसे वर्तमान पीढ़ी को न भूलना चाहिए और न जिससे विमुख ही होना चाहिए, क्योंकि उसी

0 पाठक
0 रचनाएँ
0 लोगों ने खरीदा

प्रिंट बुक:

498/-

भगवती चरण वर्मा के लेख

no articles);
अभी कोई भी लेख उपलब्ध नहीं है
---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए