(यह मेरी प्रथम कविता थी जो दशम कक्षा में 02-04-1970 को लिखी थी) जय भारत जय पावनि गंगे, जय गिरिराज हिमालय ; आज विश्व के श्रवणों में, गूँजे तेरी पावन लय । नमो नमो हे जगद्गुरु, तेरी इस पुण्य धरा को