नई दिल्ली : एक दिन पहले पाक की गोलाबारी में शहीद हुए 3 भारतीय सैनिकों की मौत का बदला सेना ने जबरदस्त तरीके से लिया है। बुधवार को पुंछ के बलनोई सेक्टर से गुलाम कश्मीर (पीओके) के तत्तापानी सेक्टर में भारतीय सेना ने भीषण पलटवार किया। इसमें पाक सेना के कैप्टन तैमूर अली खान, हवलदार मुश्ताक हुसैन व लांस नायक गुलाम हुसैन मारे गए। सेना की गोलाबारी में पाक की कई चौकियां तबाह हो गईं। इस दौरान एक बस भी चपेट में आ गई। इससे 11 यात्रियों की मौत हो गई। भारत के कड़े रुख को देखते हुए पाकिस्तान ने डीजीएमओ (महानिदेशक सैन्य अभियान) स्तर की वार्ता का प्रस्ताव रखा।
भारतीय डीजीएमओ कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, 'उन्हें (पाकिस्तानी डीजीएमओ) साफ सूचित किया गया है कि अगर पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्षविराम का उल्लंघन शुरू हुआ या पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर या भूभाग से आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ का कोई प्रयास किया गया, तो इसका भारतीय सेना उचित जवाब देगी'। भारतीय सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ले. जनरल रणबीर सिंह ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ करने के प्रयासों तथा नियंत्रण रेखा के पास 'पाकिस्तान से घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों द्वारा भारतीय सैनिकों के शवों को क्षत-विक्षत करने के अनैतिक कृत्य' का मुद्दा उठाया।
बयान में कहा गया है, 'इससे नियंत्रण रेखा पर सामान्य स्थिति बहाल हो सकेगी'। बयान का शीषर्क था, 'भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी डीजीएमओ ने हॉटलाइन पर अनिर्धारित बातचीत का अनुरोध किया'। पाकिस्तानी डीजीएमओ ने नियंत्रण रेखा पर भारतीय गोलीबारी के कारण अपने क्षेत्र में नागरिकों के हताहत होने के बारे में सूचना दी।
ले. जनरल सिंह ने नागरिकों के हताहत होने पर दुख व्यक्त किया, लेकिन जोर देते हुए कहा कि भारतीय जवाबी कार्रवाई में उन स्थानों को निशाना बनाया गया है, जहां से पाकिस्तान ने भारतीय चौकियों पर संघषर्विराम का उल्लंघन शुरू किया है। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा अकारण की गई गोलीबारी में भारतीय नागरिकों एवं सैनिकों के हताहत होने के बारे में अपनी चिंता से उन्हें अवगत कराया। अपने जवानों पर हमले के बाद भारतीय सेना ने इसका 'भारी प्रतिशोध' लेने का संकल्प लिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद यह जवाबी कार्रवाई की गई।