मुंशी प्रेमचंद भारत के उपन्यास सम्राट माने जाते हैं | जिनके युग का विस्तार सन 1800 से 1936 तक है यह कालखंड भारत के इतिहास में बहुत महत्व का है इस युग में भारत का स्वतंत्रता संग्राम नई मंजिलों से गुजरा प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था | वह सफल लेखक देशभक्त नागरिक कुशल वक्ता जिम्मेदार संपादक और संवेदनशील रचनाकार थे | बीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में जब हिंदी में काम करने की तकनीकी सुविधाएं नहीं थीं फिर भी इतना काम करने वाला लेखक उनके सिवा कोई दूसरा नहीं हुआ प्रेमचंद्र की कृतियां भारत के सर्वाधिक विशाल और विस्तृत वर्ग की कृतियां हैं | उन्होंने उपन्यास कहानी नाटक समीक्षा लेख संपादकीय संस्मरण आदि अनेक विधाओं में साहित्य की स्थिति की तीन प्रमुख रूप विकसित किया हैं उन्हें अपने जीवन काल में ही उपन्यास सम्राट की पदवी मिल गई थी | कर्बला की दुर्घटना विश्व इतिहास की उन सर्वश्रेष्ठ घटनाओं में है जिन्होंने सभ्यता की दिशा परिवर्तित कर दी है। यजीद के खानदान में इस्लामी खिलाफत का जाना वास्तव में इस्लाम के विश्व-बंधुत्व और समानता के दीप का बुझ जाना था।
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