सूरदास जी हिन्दी साहित्य में भक्तिकाल के प्रसिद्ध और महान कवि थे। सूरदास जी भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य उपासक और ब्रजभाषा के श्रेष्ठ कवि माने जाते हैं। उनकी रचनाएं दिल को छू जाती हैं। ऐसे में उन्हें हिंदी साहित्य का सूर्य भी माना जाता है। सूरदास जी ने वात्सल्य, श्रृंगार और शांत रसों को मुख्य रूप से अपनाया है। सूरदास जी कृष्ण प्रेम और माधुर्य की प्रतिमूर्ति है। जिसकी अभिव्यक्ति बड़ी ही स्वाभाविक और सजीव रूप में हुई है।
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