जिंदगी बहुत मुश्किल है और ये बात हमें कदम-कदम पर पता चलती रहती है। कभी परिवार की जरूरतों को लेकर तो कभी अपने आकांक्षाओं को पूरा करने की चाहत में हमें कई मुश्किलों से गुज़रना पड़ता है। यह मेरी कहानी अंतिम सत्य में एक ऐसे कड़वे सच को दर्शाया गया है, समाज में जो इंसान पूरी जिंदगी अपने परिवार के लिए कमाता है, उसकी मृत्यु के पश्चात पूरा परिवार उसकी मौत का दुख नहीं बल्कि इस चीज का दुख होता है कि सर्विस रिकॉर्ड में नाम किसका है और उसके दौलत का हकदार कौन होगा??? यह हमारे समाज का कड़वा सच है कि इंसान जब तक जिंदा है तब तक ही सब कुछ है। उसके मरने के बाद में उसका अस्तित्व ही खत्म हो जाता है।
270 फ़ॉलोअर्स
21 किताबें