दिल्ली के आलीशान इलाके, हेली रोड के एक शानदार बंगले में जस्टिस लक्ष्मी नारायण ठाकुर और उनकी पत्नी ममता अपनी पाचं सुंदर (लेकिन आफतखोर) बेटियों के साथ रहते हैं। पांचों बेटियों का नाम उन्होंने अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार रखा है।अंजनी, बड़ी बेटी लेकिन फ्लर्ट करने में माहिर बिनोदनी, खानदानी प्रॉपर्टी में अपने बच्चों के हिस्से को लेकर एकदम चौकन्नी चंद्रलेखा, जो शादी से एक दिन पहले एक फ़िरंगी के साथ भाग गई थी । ईश्वरी, जो मॉडर्न स्कूल में ज़रूरत से कुछ ज़्यादा ही मशहूर है; और जज साहब की सबसे प्यारी बेटी (हालांकि किसी भी पापा की कोई एक फ़ेवरेट नहीं होनी चाहिए) दबंग डब्बू यानी देबजानी। हेली रोड के सड़क के जानवरों की मसीहा देबजानी जो डीडी पर न्यूज़ पढ़ती है और खोजी पत्रकार डिलन सिंह शेखावत से भिड़ती रहती है। डिलन सिंह शेखावत, जिसका पत्रकारिता में तो बहुत नाम रोशन है लेकिन निजी ज़िंदगी में बदनामी ही हाथ लगी है। वह देबजानी पर, डीडी पर सरकारी दुश्प्रचार फैलाने का इल्ज़ाम लगाता, उसे भी गुनहगार मानता, लेकिन साथ ही उसकी नज़रें हमेशा देबजानी को खोजतीं...
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