shabd-logo

छठ पूजा 2023

hindi articles, stories and books related to chtth puujaa 2023

छठ पूजा एक हिंदू त्योहार है जो सूर्य देव, सूर्य और छठी मैया (वेदों में उषा के नाम से जाना जाता है) की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें सूर्य की बहन माना जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से भारतीय राज्यों बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहारी और मैथिली भाषी आबादी वाले अन्य क्षेत्रों में भी मनाया जाता है। छठ पूजा आम तौर पर चार दिनों तक चलती है, और यह हिंदू महीने कार्तिक (अक्टूबर-नवंबर) के छठे दिन मनाया जाता है। अनुष्ठान कठोर हैं और इसमें उपवास, पवित्र स्नान और लंबे समय तक पानी में खड़े रहना शामिल है। भक्त डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और सूर्य द्वारा प्रदान की गई ऊर्जा और जीवन शक्ति के लिए आभार व्यक्त करते हैं।


featured image

आज छठ का तीसरा दिन है जिसे संध्या अर्घ्य के रूप में जाना जाता है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और अंतिम दिन उगते सूर्य को यानी उषा अर्घ्य के साथ समाप्त होता है। आज हम संध्या अर्घ्य को लेक

हमारे नगर में छठ पूजाभगवान सूर्य  के प्रति श्रद्धा में लिप्त छठ महापर्व पूर्वांचल वासियों की अटूट श्रद्धा का प्रतीक है ।श्रद्धा में भक्त भूख प्यास को भूल छठ मैया की पूजा में पूर्णतया डूब जाते हैं

featured image

छठ पूजा नहाय-खाय  से शुरू होती है और उषा अर्घ्य के साथ समाप्त होती है। मुख्य रूप से इस त्योहार को बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल ओडिशा और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। आज छठ पूजा का दूसरा दिन है जिसकी कु

featured image

छठ पर्व का सनातन धर्म में खास महत्व है। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि जो साधक इस दौरान सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं उनकी चालीसा का पाठ करते हैं उन्हें जीवन में कभी दुख का स

featured image

देश में नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है। चार दिन चलने वाले इस पर्व को लेकर लोगों में उत्साह है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोगों का उत्साह देखकर इस पर्व के मुरीद हो गए हैं। उन्हों

featured image

छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से होती है। चार दिन तक चलने वाले इस पर्व में कई तरह के रीति-रिवाज भी शामिल हैं जिनके बिना यह उत्सव अधूरा है। इस सभी रस्मों का अपना एक धार्मिक

छठ पूजा, भारतीय सांस्कृतिक धारा में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो विशेषकर बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल में मनाया जाता है। यह पूजा सूर्य देवता (सूर्य भगवान) की पूजा के लिए विशेष है और छठी माँ के पूजन क

featured image

सभी सड़कें बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए अपने गृहनगर की ओर ले जाती हैं क्योंकि छठ पूजा 17 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू होती है, जो चार दिवसीय त्योहार का पहला अनुष्ठान है जो आगे 36 घंटे के कठो

featured image

 छठ पूजा में प्रसाद के अलावा लोकगीतों का भी काफी महत्व है। इस पर्व के कुछ दिनों पहले से ही कई जगहों पर छठ पूजा के गाने सुनने को मिलते हैं। माना जाता है कि छठ पूजा का व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति

featured image

छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा विधि विधान से की जाती है। छठ पूजा का प्रारंभ कब से हुआ, सूर्य की आराधना कब से प्रारंभ हुई, इसके बारे में पौराणिक कथाओं में बताया गया है। सतयुग में भगवान श्रीर

एक समय की बात है, एक गाँव में एक नौकरी में रहने वाली एक महिला थी जिनका नाम सुमित्रा था। उसका एक छोटा सा परिवार था, और उसका जीवन गरीबी और संघर्ष से भरा हुआ था। सुमित्रा ने हमेशा से छठ पूजा का व्रत रखा

छठी माई की शक्ति बन के आई छठी माई देवी, आज भक्ति में हैं हम खोए। सूरज की किरणों से सजे, घाटों में छठी माई बैठे। खुशी-खुशी बोले सभी व्रती, मिलकर भक्ति भरे गीत। छठी माई की कृपा से, जीवन हो रहा स

चढ़ती चाँदनी की किरणों से सजे, छठ  पूजा की रात रौंगतें छाईं। खुशी की मिठास, गाओं में बसी, प्रेम और भक्ति की भावना में लिपटी हैं। गंगा की लहरों में खो जाओ, चटपटी भंगा धूप में नहाओ। संगीत की ध

featured image

हे दिनकर अहसानमंद हम तुमसे जीवन प्राण पाएं हम चले पवन और बरसें बादल झूमे मन हो मतवाला हो पागल हो  हरा भरा पृथ्वी का आंचल क्या क्यों हिमनद क्या विंध्याचल क्या सरयू क्या यमुना क्या गंगा उत्तंग

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए