इस रोशनी के शहर में ,दीपक संघर्ष बहुत है
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<p>तुझे देखूं, तुझे चाहूं, तुझे प्यार करूं।<br> ये मेरे हमराज, तू ही बता, कैसे इजहार करूं।।<br> <br>