"सुहानी दुनिया" में नन्हीं कवयित्री सुहानी यादव की कल्पनाओं और चाहतों को कहती उसकी सुहानी रचनाओं का संकलन है।
चलो सखी फिर से चले एक नये सीजन के सफर पर ।वादा करो मेरे मन की सब सुनोगी और समय समय पर मुझे तसल्ली भी दो गीत।
यह किताब मेरे गीतों का संग्रह है। जो मैंने अपने आप को व्यक्त करने के लिए लिखें है। शब्दों को, दैनिक समस्याओं को व्यक्त करती यह रचना मैं आपके सामने प्रस्तुत कर रही हूं। मैं चाहती हूं कि आप इसकी समीक्षा लिखें।