दिसम्बर का महीना । तुम्हारी हमारी इस मुलाकात का आखिरी महीना।चलो सखी करे मन की बातें ढेर सारी तुम हम एक साथ।
‘दबी आवाज’ पुस्तक मेरी निजी डायरी हैं, जिसमें मेरे द्वारा लिखित विभिन्न संस्मरण अथवा विचार शामिल हैं। मैंने अपनी डायरी का नाम ‘दबी आवाज’ रखा हैं। आशा करता हूं कि लोगों को मेरी डायरी को पढ़कर इसका वास्तविक रूप में विश्लेषण करेंगे। धन्यवाद!
ख्याल मन में जब हलचल मचाएं बातें दिल को किसी को कहने से कतराए सखी बने दैनन्दिनी प्यारी सुने दिल हाल निभाएं सच्ची यारी