जुलाई २०२२ महीने की डायरियों का संग्रह
ये डायरी मेरे मन के भावों का मंथन है जिसे एक प्रारूप देने का प्रयास किया है।
🌼🌸🌺💐🍄🍄🍁🍂🎋🌷🌹🍁🍂🍃🎋🌾💐 एक किताब की तरह हूँ मैं कितनी भी पुरानी हो जाए. पर उस के अलफ़ाज़ नहीं बदलेंगे कभी याद आये तो पन्ने पलट कर देखना हम आज जैसे है कल भी वैसे ही मिलेंगे....
ये मेरी डायरी लेखन की किताब है जिसमें आपको अलग विषय पर मेरे कुछ अनुभव और निजी मत लिखे है।
जून माह की दैनन्दिनी में मैं केवल आपसे बाग़-बगीचे की बातें करूँगी। इस माह 5 तारीख को विश्व पर्यावरण दिवस भी आता है, तो मैंने सोचा क्यों न इस माह प्रकृति से अपने जुड़ाव की बातें साझा करती चलूँ। प्रकृति की गोद में मुझे बड़ा सुकून मिलता है, इसीलिए मैंने अ
फुर्सत के कुछ पलों में अपने आप को व्यक्त करने का माध्यम है यह। जिंदगी के कुछ अनदेखे अनकहे शब्दों को अभिव्यक्त करने का माध्यम है यह। जब आप बहुत खुश होते हैं या बहुत दुखी होते हैं तो अपने आप से बात करने का माध्यम है यह। समाज में हो रही उथल-पुथल का आपके
मेरे मन के विचार शब्दों के माध्यम से डायरी में लिखे जा रहे हैं आशा है पसंद आएगी...
दिल से निकले अल्फाजों को एक तस्वीह में पिरोकर भावनाओं से श्रृंगार किया है। कुछएक चिट्ठियां लिखीं है शर्माजी की याद में! उम्मीद है दिल को छूकर मन को सुकून पहुंचाएगी। कविता और नज़्म से कोरे पन्नों को जज्बातों से रंग दिया है उम्मीद है पाठकों को निराश नह