24 मई 2022
मंगलवार
समय- 11:10(रात)
मेरी प्यारी सहेली,
गर्मियों के दिनों में गर्मी और कोल्ड ड्रिंक का चोली दामन का साथ है। बाजार में जहां आज एक से बढ़कर एक कोल्ड ड्रिंक बिकते हैं, वही ये उतने ही शरीर के लिए हानिकारक भी कहे जाते हैं।
आज इन कोल्ड ड्रिंक्स का चलन बहुतायत हो चुका है पर एक समय था जब देसी कोल्ड ड्रिंक ही बीते थे। मतलब गन्ने का रस, बेल का शरबत, संतरे का जूस, अनार का जूस, मौसमी का जूस और भी अनेकों प्रकार के देसी फलों के रस बाजार में उपलब्ध थे। वही घर पर आम पन्ना, पुदीने का शरबत, बादाम शरबत, सौंफ का पानी, जीरे का पानी यह सारे देसी पेय पदार्थ लगभग हर घरों में कम ज्यादा मिल ही जाते थे खासकर आम पना।
जिसमें कई लोग कच्चे आम को आग में जलाकर, तो कई लोग कच्चे आम को उबालकर बनाते थे।
पर आज वैश्वीकरण के चलते तथा साथ ही समय की कमी के कारण बाजार में पाए जाने वाले कोल्ड्रिंक पर लोग अधिकाधिक निर्भर है।
यह तो भला हो कोरोनावायरस का जिसने धरती वासियों को यह सबक सिखा दिया कि घर की बनी हुई चीजें ही शरीर के लिए बेहद जरूरी है एवं उपयोगी भी। जब तक हम अपने शरीर को स्वस्थ नहीं रखेंगे, तब तक हमारे पास कुछ भी नहीं, ना रुपया, ना पैसा।
परिवार की अहमियत भी इसने हर एक इंसान को सिखाया।
अभी हाल ही में, कुछ दिनों पहले मेरी दादी जी ने एक और कोल्डड्रिंक मुझे बनाना सिखाया।
बहुत ही आसान बहुत ही जल्दी बनने वाला और शरीर को भी यह ठंडा रखता है।
सौंफ और मिश्री का पाउडर। सौंफ और मिश्री को पीसकर, उसमें 5-6 काली मिर्च और 1-2 हरी इलायची को भी उसी के साथ कूट कर उसका पाउडर पानी में मिलाकर पिया जाए तो यह शरीर को ठंडा रखता है।
कई लोग ठंडे पानी में हनी घोलकर पीते हैं जिससे शरीर ठंडा रहता है। कितने ही हमारे देश के देसी नुस्खे हैं जो कि हमारे शरीर को ठंडा रखते हैं। लेकिन समय अभाव के कारण हम इन सब को छोड़कर बाजार में उपलब्ध चीजों की तरफ दौड़ते हैं।
बाजारीकृत प्रवृत्तियों के चलते आज गांव में पलने वाले बड़े-बड़े परिवार खामोश हो चुके हैं। हो भी क्यों ना घर रह गए हैं सदस्य शहरों की तरफ पलायन कर चुके हैं।
खाली घर खामोश हो अपने सदस्यों के इंतजार में पलक पांवने बिछाए खड़ा है। न जाने कब उन लोगों में सद्बुद्धि आए कि वे वापस चले आए गांव की तरफ...
शुभ रात्रि।