याचना
19 फरवरी 2022
रामधारी सिंह दिनकर की कविता गीत अगीत कविता का सार – Geet Ageet कवि रामधारी सिंह दिनकर जी ने इस कविता में गीत-अगीत के माध्यम से प्रकृति का बड़ा ही मनोहर वर्णन किया है। इस कविता में मुखर भावना (दृश्य) और छुपी भावना (अदृश्य) की तुलना की गई है। यहाँ कवि प्रकृति को एक संगीतकार के रूप में देख रहा है और उसकी भावनाओं को बयां कर रहा है। कवि के अनुसार नदी, तोता और प्रेमी गीत गा रहे हैं।
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