श्रीलाल शुक्ल को लखनऊ जनपद के समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात साहित्यकार माने जाते थे। उन्होंने 1947 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा पास की। 1949 में राज्य सिविल सेवासे नौकरी शुरू की। 1983 में भारतीय प
इस कहानी का शीर्षक है गुप्त रोग क्या फस गया रणवीर इसमें दर्शाया गया है कि कैसे एक औरत गैर मर्द के साथ नाजायज संबंध बनाती हैं अपने पति के बाहर जाने के बाद अपने आशिक को बुलाना यह कहानी रोमांच से भरी हुई है इसे पढ़कर आपको आनंद जरूर मिलेगा
मेरा सपना कब सच होगा मुरादी लाल रोज यही सोच पर रहता,,, हर दिन वो लोग और आसपास अपने दोस्त से रहती मै नेता बनूंगा और लोगो की हर समस्या, सुविधा, लोगो को काम दूंगा ।।। आखिर वह दिन आ गया,,, पंचायत मुखिया का चुनाव होने वाला था उसने भी नामकंन भर दिया,,,,
Success की सबसे खास बात है की, वो मेहनत करने वालों पर फ़िदा हो जाती है
अप्रैल माह में अपने लम्हों को और अहसासों को शब्दों में पिरोकर अपनी डायरी में लिख रहीं हूँ...।
हिन्दू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं आप सब को।नयी किताब नये जज़्बात नये अहसास शायद पसंद आये आपको ।
आप इस पुस्तक के माध्यम से मेरे आस-पास की कुछ इधर-उधर की नई-पुरानी घटित घटनाओं से दो-चार होंगे।
"मैं कौन हूं?" इसका कोई उत्तर नहीं है; यह उत्तर के पार है। तुम्हारा मन बहुत सारे उत्तर देगा। तुम्हारा मन कहेगा, तुम जीवन का सार हो। तुम अनंत आत्मा हो। तुम दिव्य हो,' और इसी तरह के बहुत सारे उत्तर। इन सभी उत्तरों को अस्वीकृत कर देना है : नेति नेति--तु
इस डायरी में अपने मन के विचारों को व्यक्त करने की कोशिश की हे
ऐसा नही की जिंदगी मे कुछ बचा नही दर्द है, प्यास है, भूख है, दुख है.. दिल मे उदासी है आंाखो मे पानी है.. खाली जेब है अपनो का फरेब है.. ऐसा नही की जिंदगी मे कुछ बचा नही सुनी राहे है बची आहे है टुटे सपने है छुटे अपने है ऐसा नही की जिंदग
लड़ाई झगड़ा हर पति पत्नी के बीच में होता है, शायद ही ऐसा कोई हो जिसके बीच में ना होता हो। लेकिन कुलवंता और लाजवंती की लड़ाई झगड़ा और प्यार की कहानी ही अनोखी है, जी हाँ कुलवंता और लाजवंती एक ऐसे पति पत्नी है जो हमेशा लड़ते झगड़ते रहते हैं। एक दूसरे स
In this book,you all will find various beautiful poems and 1 article written by me..you all will definitely enjoy reading them..
शेरो-शायरी और कविताओं से भरपूर ये प्रवचन पंथ की सारी कठिनाई को दूर कर एक नई सुबह की तरह हमें अभिभूत कर लेते हैं। ओशो कहते हैं : 'मैं तो देखता हूं एक नया सूरज, एक नई सुबह, एक नया मनुष्य, एक नई पृथ्वी—वह रोज निखरती आ रही है। अगर हम थोड़े सजग हो जाएं तो
अपने विचार और जीवनी आप सभी के साथ साझा करने का एक छोटा सा प्रयास...।
All rights reserved to ©Shruti saw. copied fellow should be ready for punishments. Enjoy the story. कैसे एक दसवीं पास छात्रा आगे पढ़ने के लिए अपना स्ट्रीम चुनती है। उस छात्रा को क्या क्या मुसीबतें झेलनी पढ़ती हैं!!
सत्य का हमारे दृष्टि में मूल्य नहीं है इसलिए हम विश्वासी बने हुए हैं। सत्य का हमारी दृष्टि में मूल्य होगा, तो हम विश्वासी नहीं हो सकते, हम खोजी बनेंगे। हमारी प्यास होगी, हम जानना चाहेंगे। ऐसा ओशो ने कहा है और उनकी इस किताब में आपको सत्य की प्यास क्या
Alok a Religion Flag of India yeh story alok naam ke ak sautele bete par Aadharit hai. Jo bachpan se apne pita aur Sauteli maa ke Durvyavahar aur Atyachar se pidit rehta hai. Alok ki ak Bhumi Naam ki Sauteli Behan Bhi thi jise alok apni jaan se bhi j
मेरा पहला प्रयास डायरी लिखने का ।वैसे अच्छा है लोग अपने मन की बात किसी से कह ना पाये जो डायरी मे लिख देते है जब ही तो हमने इस का नाम सखी रखा है।