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घमंड का सिर नीचा

19 जनवरी 2022

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एक गांव में उज्वलक नाम का बढ़ई रहता था । वह बहुत गरीब था । ग़रीबी से तंग आकर वह गांव छो़ड़कर दूसरे गांव के लिये चल पड़ा । रास्ते में घना जंगल पड़ता था । वहां उसने देखा कि एक ऊंटनी प्रसवपीड़ा से तड़फड़ा रही है । ऊँटनी ने जब बच्चा दिया तो वह उँट के बच्चे और ऊँटनी को लेकर अपने घर आ गया । वहां घर के बाहर ऊँटनी को खूंटी से बांधकर वह उसके खाने के लिये पत्तों-भरी शाखायें काटने वन में गया । ऊँटनी ने हरी-हरी कोमल कोंपलें खाईं । बहुत दिन इसी तरह हरे-हरे पत्ते खाकर ऊंटनी स्वस्थ और पुष्ट हो गई । ऊँट का बच्चा भी बढ़कर जवान हो गया । बढ़ई ने उसके गले में एक घंटा बांध दिया, जिससे वह कहीं खोया न जाय ।
दूर से ही उसकी आवाज सुनकर बढ़ई उसे घर लिवा लाता था । ऊँटनी के दूध से बढ़ई के बाल-बच्चे भी पलते थे । ऊँट भार ढोने के भी काम आने लगा ।
उस ऊँट-ऊँटनी से ही उसका व्यापर चलता था । यह देख उसने एक धनिक से कुछ रुपया उधार लिया और गुर्जर देश में जाकर वहां से एक और ऊँटनी ले आया । कुछ दिनों में उसके पास अनेक ऊँट-ऊँटनियां हो गईं । उनके लिये रखवाला भी रख लिया गया । बढ़ई का व्यापार चमक उठा । घर में दुधकी नदियाँ बहने लगीं ।
शेष सब तो ठीक था----किन्तु जिस ऊँट के गले में घंटा बंधा था, वह बहुत गर्वित हो गया था । वह अपने को दूसरों से विशेष समझता था । सब ऊँट वन में पत्ते खाने को जाते तो वह सबको छो़ड़कर अकेला ही जंगल में घूमा करता था ।
उसके घंटे की आवाज़ से शेर को यह पता लग जाता था कि ऊँट किधर है । सबने उसे मना किया कि वह गले से घंटा उतार दे, लेकिन वह नहीं माना ।
एक दिन जब सब ऊँट वन में पत्ते खाकर तालाब से पानी पीने के बाद गांव की ओर वापिस आ रहे थे, तब वह सब को छो़ड़कर जंगल की सैर करने अकेला चल दिया । शेर ने भी घंटे की आवाज सुनकर उसका पीछा़ किया । और जब वह पास आया तो उस पर झपट कर उसे मार दिया ।

सीख : घमंड का सिर नीचा । 

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रचनाएँ
सम्पूर्ण पंचतंत्र भाग 4
4.5
पंचतंत्र नीति, कथा और कहानियों का संग्रह है जिसके मशहूर भारतीय रचयिता आचार्य विष्णु शर्मा है। पंचतंत्र की कहानी में बच्चों के साथ-साथ बड़े भी रुचि लेते हैं। पंचतंत्र की कहानी के पीछे कोई ना कोई शिक्षा या मूल छिपा होता है जो हमें सीख देती है। पंचतंत्र की कहानी बच्चे बड़ी चाव से पढ़ते हैं तथा सीख लेते हैं। बच्चों के कोमल मन में बातों को गहराई तक पहुंचाने का तरीका कहानियों से बेहतर और क्या हो सकता है। खासकर, पंचतंत्र की कहानियां, जिसमें बेहतर सीख, संस्कार व जीवन में अच्छी चीजों की ओर बढ़ने की प्रेरणा मौजूद होती है। पांच भागों में बंटी पंचतंत्र की कहानियां ही हैं, जो दोस्ती की अहमियत, व्यवहारिकता व नेतृत्व जैसी अहम बातों को सरल और आसान शब्दों में बच्चों तक पहुंचा कर उन पर गहरी छाप छोड़ जाती हैं। शायद यही वजह है कि अक्सर बचपन में सुनी कहानियां और उनकी सीख जीवन के अहम पड़ाव में मार्ग दर्शक के रूप में भी काम कर जाती हैं। हम कौआ-उल्लू के बीच का बैर, दोस्ती-दुश्मनी, दोस्तों के होने का लाभ, कर्म न करने से होने वाली हानि, हड़बड़ी में कदम उठाने से होने वाले नुकसान जैसी कई पंचतंत्र की कहानियां आप तक इस प्लेटफॉर्म के जरिए लेकर आ रहे हैं।.
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बंदर और मगरमच्छ

19 जनवरी 2022
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एक नदी के किनारे एक जामुन के पेड़ पर एक बन्दर रहता था। उस पेड़ पर बहुत ही मीठे-मीठे जामुन लगते थे। एक दिन एक मगरमच्छ खाना तलाशते हुए पेड़ के पास आया। बन्दर ने उससे पूछा तो उसने अपने आने की वजह बताई। बन्द

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मेंढकराज और नाग

19 जनवरी 2022
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एक कुएं में बहुत से मेंढक रहते थे। उनके राजा का नाम था गंगदत्त। गंगदत्त बहुत झगड़ालू स्वभाव का था। आसपास दो-तीन और भी कुएं थे। उनमें भी मेंढक रहते थे। हर कुएं के मेंढकों का अपना राजा था। हर राजा से कि

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शेर, गीदड़ और मूर्ख गधा

19 जनवरी 2022
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एक घने जंगल में करालकेसर नाम का शेर रहता था । उसके साथ धूसरक नाम का गीदड़ भी सदा सेवाकार्य के लिए रहा करता था । शेर को एक बार एक मत्त हाथी से लड़ना पड़ा था, तब से उसके शरीर पर कई घाव हो गये थे । एक टाँग

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कुम्हार की कहानी

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युधिष्ठिर नाम का कुम्हार एक बार टूटे हुए घड़े के नुकीले ठीकरे से टकरा कर गिर गया । गिरते ही वह ठीकरा उसके माथे में घुस गया । खून बहने लगा । घाव गहरा था, दवा-दारु से भी ठीक न हुआ । घाव बढ़ता ही गया । कई

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गीदड़ गीदड़ है और शेर शेर

19 जनवरी 2022
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एक जंगल में शेर-शेरनी का युगल रहता था । शेरनी के दो बच्चे हुए । शेर प्रतिदिन हिरणों को मारकर शेरनी के लिये लाता था । दोनों मिलकर पेट भरते थे । एक दिन जंगल में बहुत घूमने के बाद भी शाम होने तक शेर के ह

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शेर की खाल में गधा

19 जनवरी 2022
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एक शहर में शुद्धपट नाम का धोबी रहता था । उसके पास एक गधा भी था । घास न मिलने से वह बहुत दुबला हो गया । धोबी ने तब एक उपाय सोचा । कुछ दिन पहले जंगल में घूमते-घूमते उसे एक मरा हुआ शेर मिला था, उसकी खाल

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कुत्ते का वैरी कुत्ता

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एक गाँव में चित्रांग नाम का कुत्ता रहता था । वहां दुर्भिक्ष पड़ गया । अन्न के अभाव में कई कुत्तों का वंशनाश हो गया । अन्न के अभाव में कई कुत्तों का वंशनाश हो गया । चित्रांग ने भी दुर्भिक्ष से बचने के ल

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एक स्थान पर एक ब्राह्मण और उसकी पत्‍नी बड़े प्रेम से रहते थे । किन्तु ब्राह्मणी का व्यवहार ब्राह्मण के कुटुम्बियों से अच्छा़ नहीं था । परिवार में कलह रहता था । प्रतिदिन के कलह से मुक्ति पाने के लिये ब्

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स्त्री-भक्त राजा

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एक राज्य में अतुलबल पराक्रमी राजा नन्द राज्य करता था । उसकी वीरता चारों दिशाओं में प्रसिद्ध थी । आसपास के सब राजा उसकी वन्दना करते थे । उसका राज्य समुद्र-तट तक फैला हुआ था । उसका मन्त्री वररुचि भी बड़ा

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