मंथित मन,🎨🎵🎸खोजी नयन👀,,पंख लिए, तत्पर,भरने नित नई उड़ान,,🚀 पंछी समझो या पतंगा.......... 👼 बस यही मेरी पहचान...
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एक बार सह-मित्र (with friend) मैं, गया नदिया के किनारे