परिचय
20 अप्रैल 2022
झरना की कविताओं में कवि के आगामी विकास का आभास प्राप्त हो जाता है और इसी कारण समीक्षक इसे छायावाद युग का एक महत्त्वपूर्ण सोपान मानते हैं। झरना की अधिकांश कविताएँ १९१४-१९१७ ई० के बीच लिखी गईं है। झरना कवि के यौवनकाल की रचना है और इसकी कविताओं से उसकी मनोदशा का बोध होता है।
झरना की कविताओं में कवि के आगामी विकास का आभास प्राप्त हो जाता है और इसी कारण समीक्षक इसे छायावाद युग का एक महत्त्वपूर्ण सोपान मानते हैं। झरना की अधिकांश कविताएँ १९१४-१९१७ ई० के बीच लिखी गईं है। झरना कवि के यौवनकाल की रचना है और इसकी कविताओं से उसकी मनोदशा का बोध होता है।
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