एपिसोड 15- जीवन के सामने आएशा का खुलासा
पिछड़े एपिसोड में हमने देखा था की आएशा आकाश को इस तस्वीर के बारे में बता देता है, जिसे सुनकर वो चौक जाता है, और उसी चक्कर में उसके हाथ से कॉफी का मग नीचे गिर जाता है।
आएशा का ध्यान उसकी और जाता है, वो जल्दी से उसका हाथ पानी में डुबोकर उसपे मलम लगा देती है, आगे की बात कर ही रहे होते है, तब तक वहा पर जैनी की मॉम आती है।
जैनी के मॉम के चेहरे के आव भाव बदले होते है, जिस पर आएशा ध्यान नहीं जाता, पर आकाश का जाता है, बार काफी देर हो गई होती है, तो आकाश अपने कमरे में चला जाता है, और जैनी की मां भी अपने कमरे में चली जाती है।
पर अपने अपने कमरे में तीन्हो ही जग रहे होते है, आकाश सोचता है वो अपने चाची से कल सुबह बात कर लेगा। पर सच में रॉ का इतना बड़ा ऑफिसर पर उसको भी चाची से बात करने में डर लग रहा था, आखिर क्यों वो डर रहा था, जब की उसे बता नही था की सच में चाची ने उन दोनो की बाते सुनी या नहीं, शायद किसी और वजह से भी वो परेशान हो सकती है ना।
अगर सच में चाची ने सुनी होगी तो क्या चाची आएशा को ये पागलपन करने देगी, क्या वो उसे उसी रास्ते आगे जाने देगी, या उसे वापस जाने को कहेगी देखते है आज क्या होता है।
सुबह सुबह ही जैसा मैंने बताया था की आकाश को काम पर जाना था, कोई केस था जो उसे डिस्कस करना था अपने बड़े ऑफिसरो के साथ, वैसे तो आपको पता है ना कितने सीक्रेट तरीके से काम करते है ये लोग। उसने सुबह सुबह चाची को खोजा पर उसे वो नही मिली, फिर इसके मां ने बताया वो सुबह सुबह ही मंदिर में गई है।
ऐसा कम ही होता है की वो सुबह सुबह बिना चाची का चेहरा देखे घर से बाहर पड़ा हो, पर वो ना आज जल्दी में था और सच में वो इंतजार नहीं कर सकता था। उसने जाते जाते आएशा को देखा तो आएशा सोई हुई थी। रात को काफी देर तक वो जाग रही थी, उसके कमरे की लाइट रात को जल रही थी, तो उसे पता था इसलिए उसने आएशा को नहीं जगाया।
वैसे उसको आएशा को भी समझना था, पर ये वक्त सही नही था। पर जाने दो, बोलने के लिए दोनो ही सामने नहीं थे, आएशा सोई हुऐ थी और चाची घर के बाहर गई हुई थी।
तो वो सुबह बिना नाश्ता किए ही घर से निकल गया, पर वो बहुत ही परेशान था, उसने आएशा को समझाया था की कुछ भी ही जाए उसके बिना वो कोई भी तपशीश नही करेगी, क्या सच में आपको लगता है की आएशा मान जायेगी।
मानेगी वो कैसे फिर आएशा, आकाश के निकल जाने के बाद आएशा भी उठकर तैयार होकर कही चली गई, कहा गई होगी वो। क्या सच में जैसे आकाश को लगता था की वो जो भी राज जानने की कोशिश कर रही है, उसमे उसके जान को भी खतरा हो सकता है।
लाख समझाने के बाद भी आएशा अकेली ही घर से बाहर निकल गई, पर क्या होनेवाला था उसके साथ, जिससे वो अनजान थी, पर कहते है किसी चीज की तलाश थी तब ऊपरवाला भी रास्ते नाना ही देता है। सच में ऊपरवाले की ही रची साजिश थी की आज वो नए सफ़र का आगाज करने जा रही थी।
आएशा फिर आज उसी गली में थी, उसी मंदिर में थी जहा वो कल जीवन से मिली थी, उसी मंदिर के अंदर। भगवान गणेश जिनकी आरती चल रही, जिसके स्वर उसे कुछ जानी पहचानी लग रही थी, क्यों ना हो उसकी केयरटेकर कावेरी ऐसे ही आरती करती थी इन दिनों जब गणेश जी 10 दिन के लिए हर साल आ जाते है।
वैसे पहली बार आएशा त्योहारों के दिन घर से दूर थी, वैसे वो हमेशा जाया करती थी ट्रिप पर , पर तब भी उसके साथ हमेशा जैनी होती थी, आज जेनी से सुबह ही बात हो गई थी, और फिर साथ देने के लिए तो आकाश था ही ना हमेशा , जैनी का भाई जैनी के भेस में खड़ा था।
वैसे जिंदगी की जंग लड़ने जा रही थी, और जैनी को इस बात का बहुत ही दुख हो रहा था की इतनी बड़ी जंग में वो साथ नहीं थी। आरती खत्म होने के बाद आएशा वही मंदिर में रुक गई, तब सुने किसी की आवाज सुनी, कौन थे वो इंसान, जिसकी वो तलाश कर रही थी, वो तो सामने आया था।
जब उसने आरती और प्रसाद लेने के लिए हाथ आगे बढाया ही था, की उसने ऊपर देखा वही इंसान था जिसको कल उसने जीवन के घर पर देखा था, जीवन के पापा दीनानाथ जी थे, जो की वहा पुजारी का काम करते है।
सबको प्रसाद बाटकर जब उन्होंने थाली सभी भगवान को आरती दिखाकर नीचे रखी, और वो अपने काम में बिजी हो गए वैसे ही आएशा ने पीछे से आवाज दे दी। पर काफी भीड़ थी, और आवाजे भी थी, तो उन्होंने आएशा की आवाज नही सुनी थी।
लोगो की भीड़ कम होने के बाद वो दिना नाथ जी के पास गई, तब तक वहा जीवन उन्हे आवाज दे, घर पर कोई लोग दिना नाथ के बारे में पूछते हुवे आए थे। तो वैसी ही हलबाड़ी में वो निकल गए, पूछे जो रह गया, वो धीरे धीरे करके जीवन समेट ही रहा था, की उसका ध्यान आएशा पर गया जी की दिना नाथ जी को देखे जा रही थी।
जीवन उसे वहा देखकर हैरान रह गया, पर आकाश कहा जानता था की वो उसे ही मिलने यह पर आई है। जीवन में खुद आकर उसके तबियत के बारे में पूछा, जान आएशा ने कुछ जवाब नही दिया, सिर्फ वो उसकी और देखे जा रही थी, जब भी मिली थी हमेशा से ही वो मुसीबत में फसी मिली थी।
आज भी वो ऐसे ही किसी पर्पज के साथ आई थी जब उसने दोबारा पूछा तो उसने कहा थी हु, फिर वो आगे घर की और जाने निकला, तब आएशा ने पीछे से उसे आवाज दे दी।
जीवन अपनी जगह पर ही रुक गया, फिर वो मंदिर के अंदर आया, पर क्योंकि मंदिर था तो लोगों का आना जाना लगा ही रहता था, तो आएशा ने जब उसे कहा कि मुझे कुछ इंपोर्टेंट बात करनी है, वो आएशा को जीवन मंदिर के पीछे ही बने कमरे में ले जाता है।
वहा जाकर वो आएशा को पीने के लिए पानी देता है, क्योंकि उसको वहा जाकर अचानक ही हिचकियां आने लगती है, तब हिचकियां रोकने के लिए वो उसे पानी देता है, आएशा पानी पीकर उसको देखती है, और वो पूछती है की वो जो कल तुम मुझे अपने घर लेकर गए थे, तब मैने वहा पर एक तस्वीर देखी थी, वो तस्वीर किसकी थी?
जीवन की ताजुब हो रहा था की उस तस्वीर के बारे में क्यू पूछ रही है, पल वो समय और बात की गंभीरता को देखते हुवे आएशा को बताता है की वो तस्वीर उसके पापा और उसकी है, बचपन की तस्वीर है वो।
जीवन उसको पूछती है की वो क्यू पूछ रही है पर वो तो उसको कभी मिला भी नही और कोई रिश्ता भी नही है उसका आएशा के साथ। तब आएशा उसको बोलती है की मै जो आगे कहने जा रही हु, उसको गौर से सुनो।
वो कहती है की जो तस्वीर मैंने तुम्हारे घर पर देखी है, वो लड़का हर दिन बचपन से मेरे सपने में आता है, जो उसे लेकर किसी मंदिर में आता है, और वो मंदिर यही होता है, सिद्धि विनायक का मंदिर। और कुछ और भी देखती है वो।
जो तुम्हारे पापा है उसको मैंने गोली लगते देखा है, कोई है जो मुझे बचाने आए तुम्हारे पापा पर गोली चलता है, जहा का नजारा बहुत ही भयानक होता है, एक जलती हुई गली और उसमे उसे ये सब दिखाई देता है।
जीवन को समझ ही नही आता की वो क्या कहे आएशा को। वो सब सुनकर सदमे में चला जाता है, और वहा से बिना कुछ कहे ही चला जाता है, पर जाते वक्त वो कुछ बोलकर जाता है।
जीवन जाते जाते ऐसा क्या कह गया की आएशा यहां आने के लिए फिर से मजबूर हो जाएगी। या जीवन उसकी हमेशा की तरह मदद करेगा या फिर उसके अपोजिट खड़ा हो जाएगा, और उसको अपने मंजिल तक पहुंचने नही देगा, क्या वो सिर्फ एक हादसा या उस वक्त का बहुत बड़ा शर्यांत था जिसमे आज की आएशा और जीवन फाड़कर रह जायेंगे।
क्या होगा आनेवाले कल में, जिस ख्वाब के बारे में पता करने आई है, क्या उसे पड़दा जाता पाएगी, या उस पर वैसा ही पड़दा पडा रहेगा, कौन होगा इस साजिश में शामिल और इन सबमें किसका शिकार होगा देखते है आगे। हमारी कहानी के किरदार कैसे खुद को इस ख्वाबों की दुनिया से निकाल पाते है, आकाश कैसे आएशा की मदद करेगा, अपनी चाची को कैसे मनायेगा। तब तक पढ़ते रहिए
"दो चेहरे प्यार या धोखा।"