Sri Sri Anandmayi Maa says that there is nothing new in this world, everything is old, familiar. From Sri Sri Anandamayi Maa and Nanihal to in-laws and in life, it reminds me of the events of Sri Sri Maa and all the characters and life events of all
Reading books is a kind of enjoyment. Reading books is a good habit. We bring you a different kinds of books. You can carry this book where ever you want. It is easy to carry. It can be an ideal gift to yourself and to your loved ones. Care instructi
★ पटना में एक निम्न मध्यम परिवार में जनमे आनंद कुमार को आज किसी परिचय की जरूरत नहीं है। उनकी ‘सुपर 30’ नाम की संस्था गरीब बच्चों को आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाती है।★ ‘सुपर 30’ की स्थापना वर्ष 2002 में हुई और अब तक 390 में से 333 विद्यार्
Es e-book me Muslim ko sahi rasta dikhaya hai
एक रिटायर्ड जनरल को मरे हुए लोगों की आवाजें डराती हैं। खून जमा देनेवाले सियाचिन में मोर्चे पर तैनात दो शत्रु देशों के सैनिकों के बीच एक अजीब संबंध जुड़ जाता है। अरुणाचल के जंगलों में एक युवा लेफ्टिनेंट तीन सैनिकों के सामने दम तोड़ रहा होता है, जि
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मिसाइल मैन, जनता के राष्ट्रपति व इंटरएक्टिव प्रेजिडेंट जैसे नामों से प्रसिद्ध हैं। भारत के सुदूर कोने में स्थित छोटे से शहर से आनेवाले साधारण परिवार से संबंधित कलाम ने विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के उन शिखरों को छुआ है, जिनमें भ
कोई भी व्यक्ति महान् तभी कहलाता है, जब वह कोई महान् कार्य करता है। विश्व में ऐसे अनेक व्यक्तियों ने जन्म लिया, जिन्होंने अपने महान् कार्यों से अपने समाज का ही नहीं, वरन् अपने देश और संपूर्ण मानव जाति का उद्धार किया। मदर टेरेसा, महात्मा गांधी, अकबर, अ
इन्फोसिस की विस्मयजनक उन्नति का श्रेय श्री एन. एम. नारायण मूर्ति की कल्पनाशीलता और दूरदृष्टि को जाता है। उन्होंने बीस वर्षों तक कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की हैसियत से अपनी प्रतिभा, लगन, परिश्रम से सींचकर इसे पुष्पित-पल्लवित किया। सन् 1981 मे
‘मैं कृष्ण हूँ - मथुरा में मेरे संघर्षशील जीवन की दास्तां’ बेस्टसेलर ‘मैं मन हूँ’ के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित ‘मैं कृष्ण हूँ’ किताब का दूसरा भाग है। इसमें कृष्ण द्वारा मथुरा में किए संघर्षों का रोचक वर्णन है तथा इसमें कृष्ण के जीवन से जुड़े कुछ
काका कालेलकर का पूरा नाम दत्तात्रेय बालकृष्ण कालेलकर था। उन्हें यायावर (घुमक्कड़) भी कहा जाता है। अगर हम काका के जीवनवृत्त का अध्ययन करें तो हमें उनके बहुत से रूप देखने को मिलते हैं—लेखक, शिक्षाविद्, पत्रकार, विद्वान्, समाज सुधारक और इतिहासकार। काका
यह कहानी एक dog की है जिसका जन्म एक पाइप में होता है और वह बाहर की दुनिया से अनजान अपनी माँ के साथ रहता है वह ही सफ़ेद होता है और सभी भाई काले कभी कभी अपने बारे में सोचता है मैं ऐसा क्यों हूं बाहर की दुनिया के विषय मे भी यही सोचता है और जब बाहर निकलत
राजनीति के क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों में एक महत्त्वपूर्ण गुण होता है—उनकी नेतृत्व क्षमता। जननायक ‘भारत रत्न’ अटलजी में यह गुण अद्भुत था, उनके भीतर नेतृत्व की क्षमता कूट-कूटकर भरी हुई है। ग्वालियर के साधारण अध्यापक के घर जनमे अटलजी अपनी प्रतिभा के द
मोदीजी ने अपनी नीतियों, कार्यक्षमता, कुशलता और योग्यता से यदि संपन्न वर्ग पर प्रभुत्व जमाया है तो एक आमजन में उन्हें अपना प्रधानमंत्री भी नजर आया है। आज सहजता से एक साधारण व्यक्ति अप्रतिम असाधारण व्यक्तित्व के नरेंद्र मोदी तक न सिर्फ सरलता से अपनी बा
सीमित जीवन को मैंने अपने जीवन के आध्यात्मिक मन के आधार पर कुछ लेख प्रस्तुत किए हैं जो वास्तविक रूप से मनुष्य के जीवन में घटित होते हैं एवं महसूस करते हैं !
जिंदगी एक जिंदगी है, जिंदगी को जिंदगी की तरह जियो, ना जिंदगी को अपनी तरह जियो, क्योंकि जीने का नाम ही जिंदगी है, हम हैं तो जिंदगी है, हम नहीं तो कुछ भी नहीं, दिल खोलकर जियो, जीने का नाम ही जिंदगी है।
‘बैरिकेड’ इन दिनों सबसे ज़्यादा चर्चित उपन्यास है, जिसने हिन्दी साहित्य में प्री-बुकिंग के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बैरिकेड कहानी है भारत के मिडिल क्लास के सपनों की। अभिषेक सिंह ने बैरिकेड की कहानी कुछ ऐसी गढ़ी है, जिससे कि कथानक कई शहरों से होक
जिद्दू कृष्णमूर्ति का नाम आध्यात्मिक जगत् में विशेष रूप से उल्लेखनीय है। जब वे मात्र तेरह वर्ष के थे, तभी उनमें एक आध्यात्मिक गुरु होने की विशिष्टताएँ दृष्टिगोचर होने लगी थीं। उन्होंने न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी आध्यात्मिकता का परचम लहराया
‘गांधी बनाम भगत: एक संत, एक सैनिक’ उस ऊहापोह के समाधान की ओर एक विनम्र लघु प्रयास है, जो महात्मा गांधी और शहीद भगतसिंह के व्यक्तित्वों की तुलना से उत्पन्न होता है। दोनों भारतीय स्वाधीनता संग्राम के चमकते सितारे और माँ भारती के अमर सपूत हैं, जिन्होंने
शेखर कपूर एक सफल व्यवसायी है जिसने कभी कोई उचित कार्य नहीं किया। उसके लिए जीवन का मतलब है वह कितनी जल्दी व कितना हासिल कर सकता है। वह लोगों को धोखा देता है, बेइज़्ज़त करता है और वह ऐसा ही करता रहता है एक रहस्यमयी फोन काॅल के बावजूद व न्याय की नगरी से