‘मैं कृष्ण हूँ - मथुरा में मेरे संघर्षशील जीवन की दास्तां’ बेस्टसेलर ‘मैं मन हूँ’ के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित ‘मैं कृष्ण हूँ’ किताब का दूसरा भाग है। इसमें कृष्ण द्वारा मथुरा में किए संघर्षों का रोचक वर्णन है तथा इसमें कृष्ण के जीवन से जुड़े कुछ
यह कहानी एक dog की है जिसका जन्म एक पाइप में होता है और वह बाहर की दुनिया से अनजान अपनी माँ के साथ रहता है वह ही सफ़ेद होता है और सभी भाई काले कभी कभी अपने बारे में सोचता है मैं ऐसा क्यों हूं बाहर की दुनिया के विषय मे भी यही सोचता है और जब बाहर निकलत
"मैं कृष्ण हूँ – मेरे और द्वारका के संघर्षशील दिनों की दास्तां" बेस्टसेलर्स "मैं मन हूँ", "101 सदाबहार कहानियां", "आप और आपका आत्मा" तथा "3 आसान स्टेप्स में जीवन को जीतो" के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित "मैं कृष्ण हूँ" श्रृंखला की पांचवीं किताब है।
अपने जीवन में आए एक बदलाव को उजागर करता हैं मेरा ये छोटा सा लेख...।।
पटकथा लेखन एक विशिष्ट विधा है, जिसमें शब्दों की भूमिका पढ़े जाने के बजाय देखने की होती है। मीडिया का क्षेत्र व्यापक होने और विजुअल मीडिया की गतिविधियाँ हमारे यहाँ तेज होने के बाद पटकथा-लेखन एक प्रमुख विधा के रूप में सामने आया और जिन लेखकों ने इस दिशा
सच्ची मुस्कुराहट और सच्ची खुशी को बयां करता एक छोटा सा सच्चा किस्सा....।
एक ऐसे मनुष्य की कहानी जो कहानी बताने के लिए जिंदा नही है, एक एक्सिडेन्ट में उसकी मृत्यु के पश्चात उसके साथ हुई घटनाओं का वर्णन
इस पुस्तक में आपको कई महापुरुषों का जीवन और उनसे जुड़ी कई प्रसिद्ध घटनाओ को पढ़ सकते हैं
क्या पाया क्या खोया हिसाब-किताब किसके पास है निरंतर चलते रहना हर हाल में खुश रहना जिन्दगी का आधार है तु अकेला ही नहीं इस सफर में सदियों से चली आ रही है ये कारवां हर किसी को यहां जिंदगी का तलाश है दर दर भटकते रहे लाखों यहां एक मुसाफिर तु भी है यहां
राज तो हमने हमेशा किया है पसंद करने वालों के दिल पर और न पसंद करने वालों के दिमाग पर
भारतीय पत्रकारिता के बुझते हुए पुंज में बचे कुछ अंतिम उजालों में से एक थे "कमाल ख़ान" कमाल की सादगी, कमाल की तहज़ीब, कमाल की लखनवी ज़बान और कमाल का अंदाज़... सच में कमाल कमाल के ही थे। पत्रकारिता से लुप्तप्राय रिपोर्टिंग के लिए कमाल ख़ान जैसे पत्रकार वेंट
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की सबसे बड़ी विरासत भारतीयों की वे पीढि़याँ हैं, जिन्हें उन्होंने सपने देखने, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने और आगे बढ़ने का सपना दिखाया। अखबार बेचनेवाले एक बच्चे का अंतरिक्ष वैज्ञानिक, रॉकेट इंजीनियर, मिसाइल मैन और अंततः उनका भारत
Nelson Mandela has become South Africa's first Black President after more than three centuries of White rule. Mr Mandela's African National Congress (ANC) party won 252 of the 400 seats in the first democratic elections of South Africa's history.
मेरा बचपन बहुत ही दुःखमय था। मेरे पिता जी एक छोटे किसान थे और वे तीन भाई थे और मेरी तीन बुआ भी थी। अपने सभी भाई बहनों में मेरे पिता जी सबसे छोटे थे। मेरे पिता जी किसान थे और मेरे ताऊ जी एक सरकारी नौकरी करते थे। मेरे पिता जी एक किसान थे जिसके कारण मे
रानी लक्ष्मीबाई का जन्म काशी मे 19 नवम्बर 1835 को हुआ।इनके पिता मोरोपंत ताम्बे चिकनाजी के आश्रित थे।इनके माता का नाम भागीरथी बाई था। रानी लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम मनु बाई था,मनु की उम्र मात्र 4 साल ही थी जब उनकी माताजी का निधन हो गया था और इसके बाद
भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रीयगान के रचयेता गुरुदेव देश के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता रहे। यह पुरस्कार उन्हें उनकी कालजयी कृति 'गीतांजलि' के लिए मिला। गीतांजलि को मूर्तरूप गुरुदेव ने यहीं उत्तराखंड के नैनीताल जिला अंतर्गत रामगढ़ में दिया। यहाँ वह 19
Jivan ke mahatva purn Anubhav ko aapke sath taaja karne ka jariya
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम भारतीय राजनीति में बड़े ही अदब से लिया जाता रहा है। वह एक मात्र ऐसे नेता थे जिन्हें पक्ष-विपक्ष दोनों ही तरफ से सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। उन्होंने राजनीति के नये मापदंडों का सृजन किया। यही उनकी विशेष उपलब्धि मानी
भारतीय संस्कृति के पुरोधा, राजनीति में दैदीप्यमान सितारा, सरल संवेदनशील, सहृदय व्यक्तित्व, जिसने अपना सर्वस्व मां भारती को अर्पण किया, ऐसे युगपुरुष के विषय में लिखना मेरे लिए गौरव का विषय हैं। भारतीय राजनीति के शिखरपुरुष अजातशत्रु एवं पूर्व प्रधानमंत
दिवाली.... खुशियों का त्यौहार....अपनो के साथ... मनाने वाला त्यौहार...।।।।। हर वर्ष ये त्यौहार अपनों के साथ सभी बड़ी धुम धाम से.... हर्षोल्लास से मनाते हैं....।।।।आइये .....इस बार कुछ अलग करते हैं.... एक ऐसी दिवाली मनाते हैं जो सच्ची खुशी दे...।।।।।।