नई दिल्ली: फरवरी माह में 177 से बढ़कर 225 करोड़ रुपये गन्ना किसानों का बकाया भुगतान पहुंच गया है, लेकिन चीनी मिलें किसानों का भुगतान करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं। परेशान किसान चीनी मिल, गन्ना समिति एवं गन्ना विभाग के अफसरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन भुगतान नहीं हो रहा है और न ही जल्द मिलने के आसार हैं।
जनवरी माह से चीनी मिलें गन्ना किसानों को भूले बैठी है। दरअसल चार जनवरी से चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। सरकारी मशीनरी पूरी तरह से चुनाव में व्यस्त है। सत्ता का भी अब चीनी मिलों पर कोई दबाव नहीं रह गया है, इसलिए चीनी मिलों ने किसानों को भुगतान करने में आनाकानी शुरू कर दी है। अभी तक चीनी मिलों ने दिसंबर 2016 तक का भी पूरा भुगतान नहीं दिया है जबकि जनवरी माह बीत गया है।
किसान महकार ¨सह, अल्लादिया, रिजवान अहमद ने बताया कि इस समय किसान परेशान है। चीनी मिलें स्थानीय किसानों का भुगतान नहीं कर रही है, जबकि बाहरी क्षेत्र के किसानों का गन्ना नकद खरीद रही है। दूसरी ओर, सहायक गन्ना आयुक्त आशीष कुमार नेगी ने बताया कि 20 जनवरी तक 177 करोड़ रुपये बकाया था। अब चीनी मिलों पर 225 करोड़ रुपये बकाया हो चला है। इस बाबत चीनी मिल पर दबाव बनाया जा रहा है। इस सप्ताह चीनी मिलों ने भुगतान देने का वायदा किया है।