प्रस्तुत उपन्यास कटोरा भर खून चन्द्रकान्ता की ही परम्परा खत्री जी का एक अत्यन्त रोचक और मार्मिक उपन्यास है। इसमें वातावरण सामन्तीय होते हुए भी मानवीय संवेदनाओं की सुन्दर अभिव्यक्ति हुई है। "काजर की कोठरी एक लघु उपन्यास है। इसका विशेष महत्त्व इसलिए भी है कि स्वयं खत्री जी ने तिलस्मी और ऐय्यारी के चक्करों से निकलकर जीवन के अपेक्षाकृत यथार्थ घटना-क्रम को अपनाने का साहस किया। इसमें घटना-क्रम की रोचकता, उत्सुकता और रहस्यमयता वैसी ही है
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