अमृता प्रीतम साहित्य जगत् में एक ऐसी ‘ शख्सियत रही हैं जिनकी लेखनी ने भाषाओं की सीमाओं को तोड़ा और यह प्रमाणित किया कि लेखक की ‘ शैली भाषा , बोली देश की सीमाओं में बाँधी नहीं रहती। साहित्य में उनके द्वारा सृजित रचनाओं ने सभी वर्ग के पाठकों को आकर्षित किया। उनकी लेखन - ’ शैली पाठकों के कोमल मन पर सीधा प्रभाव छोडती है। अमृता प्रीतम हिन्दी साहित्य जगत में एक बहुचर्चित नाम है। साहित्य में उनके द्वारा सृजित रचनाओं ने पाठकों को काफी आकर्षित किया है। इस कविता में भारत विभाजन के समय पंजाब में हुए नरसंहार का अत्यंत मार्मिक चित्रण है. यह रचना ना सिर्फ भारत बल्कि पाकिस्तान में भी बहुत सराही गयी. अमृता प्रीतम का जन्म 31 अगस्त 1919 को गुजरांवाला पंजाब में हुआ था. 86 वर्ष की उम्र में उनका निधन 31 अक्तूबर 2005 को हुआ था
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