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ख़ामोश चेहरे

anupama verma

50 अध्याय
1 लोगों ने खरीदा
11 पाठक
22 सितम्बर 2022 को पूर्ण की गई

कविता संग्रह 

khamosh chehre

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पुस्तक के भाग

1

कद्र करो

4 जून 2022
3
0
1

समय जब आपका बुरा हो,रिश्ते जो आपके साथ हो।साथ उन लोगों का होता है,उन रिश्तों की खुद कद्र करो।।आपका साथ खुद आपसे हो,खुद आपका आप पे भरोसा हो,खुद आपका आपसे साथ हो,आप खुद अपनी कद्र करो।।परिस्थिति कैसी भी

2

ख़ामोश चेहरे

4 जून 2022
1
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शांत गर होते ख़ामोश चेहरे,पहरे देखो उनमें हजार होते।अशांत अंतर्मन में कई सवाल,उठते और पनपते यूं ही रहते।।हंसती आंखो में छलक उठता,आंसू बन कर कोई मोती।मोती बन जाते हैं ये आंसू,सवाल उनमें यूं हजार होते।।

3

बदलेंगे जहां

4 जून 2022
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बदलेंगे जहां सब मिलकर,नई रौशनी देंगे हम जहां को।रौशनी फैलेगी यूं चहुंओर,नई रौशनी से भर देंगे जहां को।।स्वार्थ से है ये दुनिया भरी,नहीं ऐसे साथ होता कोई।बदलेंगे जहां को हम सभी,गर स्वार्थ से परे हो कोई।

4

तारीफ

4 जून 2022
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खुद ही अपनी इस कदर,तारीफ करना फिजूल है।दूसरा गर कर तारीफ तो,मानते की यूं हुनरमंद है।।तारीफ गर करे फूलों की,महक उठती बगिया ऐसे।खुशबू बता देती गुलशन को,बगिया का माली हुनरमंद है।।तारीफ गर होती बच्चों की,

5

पिकनिक

4 जून 2022
1
1
1

आओ हम सब मिलकर,चले कहीं पिकनिक मनाएं।घर से कहीं थोड़ा दूर चले,चले हम पिकनिक मनाएं।।फुरसत के दो पल मिले,संग बच्चों के साथ गुजारे।उनको भी थोड़ा वक़्त दे,लम्हे उनके साथ गुजारे।।छोटा परिवार साथ रहे,साथ रह

6

पहचान

4 जून 2022
1
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पहचान होती है इंसा की,उसकी होती हैं कुछ बातें।होता कुछ नहीं उसके पास,सिर्फ होती धैर्य की बातें।।यूं तो होती है पहचान,स्वभाव होता क्या उसका।जब सब कुछ होता है,है उसके पास उसका।।नहीं किसी का दिल कभी,है द

7

डूब रहा हूं भगवन

4 जून 2022
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डूब रहा हूं भगवन,बचाओ तो सही।पार तुम मेरी नैया,लगाओ तो सही।।आशा के दीप जले,आओ तो सही।पार तुम मेरी नैया,लगाओ तो सही।।तुम ही हो सहारा,आओ तो सही।पार तुम मेरी नैया,लगाओ तो सही।।तुम ही हो खेवैया,आओ तो सही।

8

मान

4 जून 2022
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हार मानना हमारा ऐसे,जिसमें दूसरा खुश रहे।जीत हमारी ही होती,उसकी खुशी में खुश रहे।।जिसकी जीत से कहते,मान हमारा है बड़ता।अपनापन ही होता ऐसा,जीत हमारी ही रखता।।जिंदगी भी बड़ी अजीब,सीख थी हमारी या उसकी।हा

9

शक

4 जून 2022
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शक से बड़ा न दुश्मन कोई।मन व्यथित और चिंतन होई।।करहु कृपा हे नाथु दयाला।रिद्धि सिद्धि हे कृपा निहाला।।खुश मन हार हम मानत नाही।चिंता चिता समान हम डरपत नाही।।पांव परो कर हम जोरी मनाओं।फिर तुम अब काही घब

10

ताबूत

4 जून 2022
1
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साथ सबका छूट गया,इस जहां को छोड़ गया।लकड़ी जब सहेजी गई,वो फिर ताबूत बन गया।।दफन हुई ऐसे जिंदगी।मिट्टी में फिर मिल गया।इस जहां को छोड़ गया,वो फिर ताबूत बन गया।।आऊंगा फिर ये कह कर,इस जहां को छोड़ गया।आत

11

जमानत

5 जून 2022
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धन का अहंकार क्यों,वह साथ नहीं जाएगा।शरीर का अहंकार क्यों,वह साथ नहीं जाएगा।।सांसों का ऐतबार क्यों,वह साथ नहीं जाएगा।उठ कर्मठ बन तू इंसा,यही साथ तेरे जाएगा।।ईश्वर की अदालत में,वकालत नहीं होती।सज़ा अगर

12

रिमझिम बरसात में

5 जून 2022
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स्कूल कालेज बंद हुए,इस कोरोना काल में।कहां जा रहे बच्चे सारे,इस रिमझिम बरसात में।।घर में रहते और खेलते,इस कोरोना काल में।पूरी हर इच्छा मां बाप करते,इस रिमझिम बरसात में।।नाम लिया अगर तुमने,जाओ किताबों

13

गंगा

5 जून 2022
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शिव जी ने धारण किया,आई गंगा की धार।सिर पे गंगे सवार,लिए मौजों की धार।।सोच अपने कुल का उद्धार करेंगे,आई गंगा की धार।आसमां से उतरती पहाड़ों में आई,लिए मौजों की धार।।पहाड़ों से उतरती धरती पे आई,आई ग

14

जीवन से भरी

5 जून 2022
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जीवन से भरी इस दुनिया में,उत्साह और उमंग छाई।आई सावन की बहार आई,चारों तरफ हरियाली छाई।।रिमझिम रिमझिम फुहार छाई,आई सावन की बहार छाई।झूलों में गीतों की बहार आई,आई सावन की बहार छाई।।जीवन से भरी इस दुनिया

15

कलम

5 जून 2022
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अदब करना है,तो कलम से सीखिए जनाब,सिर झुकाना है,तो कलम से सीखिए जनाब,संस्कार सीखना है,तो कलम से सीखिए जनाब,खुदा के आगे,तो सभी सिर झुकाते हैं जनाब,कलम के आगे भी,झुकाके देखिए जनाब,लेकिन अगर जनाब,कलम नहीं

16

उड़ जा रेे पंछी

6 जून 2022
1
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1

चल उड़ जा रे पंछी,की अब ये देस बेगाना हुआ।दूर गगन की छांव में,एक नया बसेरा ढूंढ़ने,की अब ये देस बेगाना हुआ।दाना पानी उठ गया रे,की अब ये देस बेगाना हुआ।चल उड़ जा रे पंछी,की अब ये देस बेगाना हुआ।नहीं है

17

कर्मों का फल

6 जून 2022
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कर्मों का फल यहां भारी है,कोई माने या न माने।भाग्य का लेखा जोखा है,कोई माने या न माने।।एक पल में बदलती किस्मत,फैसला गर ले लिया तुमने।क्या किस्मत अपनी बदलोगे,नहीं फैसला गर लिया तुमने।।रो रो कर तुम पछता

18

जीवन यात्रा

6 जून 2022
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जन्म के समय नाम नहीं,सांसे मात्र ही होती है।रोते हुए ही आता है,सांसे मात्र ही होती है।।घर आंगन गूंज उठा ऐसे,नन्हे बच्चे की किलकारी से।खुशियों से घर महक उठा,नन्हें बच्चे की किलकारी से।।जीवन शुरू हुआ जन

19

स्वदेश

6 जून 2022
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परदेस में बैठे स्वदेशी से पूछो,अपने वतन की याद आती है।सौंधी मिट्टी की खुशबू से पूछो,अपने वतन की याद आती है।।उन हवाओं के झोंको से पूछो,की लौट कर आना फिर स्वदेश।स्वदेशी याद आते हैं वतन के,की लौट कर आना

20

हार जीत

7 जून 2022
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हार तब नहीं होती हमारी,जब हम ऐसे गिर जाते हैं।जीत में बदल जाती हार,जब उठते ऐसे चल देते हैं।।जब हम उठने से करते हैं,इनकार हमारी हार होती है।गिरना और गिरकर संभलना,उसी में हमारी जीत होती है।।सोच हमारी ऐस

21

रुकावटें

7 जून 2022
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रुकावटें अपना काम करेंगी,तू अपना कर्म करता चल।वो गिराएंगी तुझे बार- बार,तू उठ और चलता चल।।जिंदगी जीना आसान नहीं,मजबूत तो बनना पड़ता है।समय कभी सही होता नहीं,बस सही बनाना पड़ता है।।बुरे वक़्त में जो दे

22

लंबा सफर

7 जून 2022
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लंबा सफर तय करना है,बीत गए वो गुजरे दिन।वापस वह न आएंगे,बीत गए वो गुजरे दिन।।लंबा सफर तय करना है,बीत गए दुःख सुख के दिन।कहां गए वो गुजरे दिन,बीत गए दुःख सुख के दिन।।लंबा सफर तय करना है,ख्वाहिशें पूरी

23

सुकून

10 जून 2022
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सुकून आज ढूंढता है आदमी,फुर्सत के दो पल भी नहीं।कैसे मिलेगा सुकून उसको,राहत के दो पल भी नहीं।।सुकून पाने के लिए भी,आदमी को जरूरत वक़्त की।दरकार वक़्त की होती है,दरकार ही नहीं वक़्त की।।सुकून पाने के ल

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दूर दूर तक

10 जून 2022
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कलयुग की ये दुनिया साहब,दूर दूर तक फैली दुनिया।पहचानना है मुश्किल साहब,दूर दूर तक फैली दुनिया।।कौन अपना है कौन पराया,कदर है किसको होती।सच में जो रिश्ते निभाता,कदर है किसको होती।।लोभ और दिखावे की दुनिय

25

भावनाएं

10 जून 2022
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मन मस्तिष्क पर हो यदि,हावी हो अगर भावनाएं।जीत हार में बदल जाती है,हावी हो अगर भावनाएं।।भावनाओं की ऊंची उड़ान,यदि अपने में रखते हो।मत करो तुम झूठी शान यूं,यदि अपने में रखते हो।।भावनाएं न हावी होने दो,ब

26

समय का पहिया

10 जून 2022
1
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2

वक़्त एक समय का पहिया,निरंतर होता है ये गतिमान।कल, आज और कल में,निरंतर रहता है ये गतिमान।।हर समय जिंदगी में तुम,मुस्कराते रहो सदा ही ऐसे।जो छूट जाए ऐसे यूं पीछे,कोई गम भी न हो ऐसे।।समय का पहिया क

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बारिश

10 जून 2022
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बारिश में छतरी होती,जो उपयोग में है आती।बारिश रोक नहीं सकती,खड़े रहने का साहस देती।।आत्मविश्वास एक बल है,जो साहस से है आता।सफलता भी हमको यही,संघर्ष ये है हमें सिखाता।।प्रेरणा छतरी से है मिलती,बारिश मे

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छू लो आसमान

11 जून 2022
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छू लो आसमान तुम,पंख पसार पंछी की तरह।छू लो उन बुलंदियों को,पंख पसार पंछी की तरह।।छू लो आसमान तुम,हो कामयाबी हासिल तुम्हें।न डगर पे आए बंदिशे,मंजिल मिल जाए तुम्हें।।छू लो आसमान तुम,अहंकार न हो कतई तुम्

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ऊपरवाले की आवाज़

12 जून 2022
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ऊपरवाले की आवाज़ सुनो,कहता है वह सभी से कुछ।जागृत रहो अपने में तुम,कहता है वह सभी से कुछ।।मिल रहा है जो कुछ,तुम्हें की वह बेहतर है।बखूबी वह तो जानता,तुम्हें की वह बेहतर है।।तुम अपने लिए नहीं जानते,क्य

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बारिश की बूंदें

12 जून 2022
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बारिश की बूंदें भले छोटी हो,उनका लगातार बरसना लेकिन।नदियों का बहाव बन जाता,उनका लगातार बरसना लेकिन।।बारिश की बूंदों से बढ़ता जलस्तर,जलस्तर बढ़ने से बनती है नदिया।फिर सैलाब उमड़ता इस कदर,सागर में मिल ज

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मेहनत

12 जून 2022
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मेहनत लगती है हमारी,सपनों को सच करने में।इरादा है सपने देखने का,हौसलों को सच करने में।।बुलंदियों तक पहुंचने में,मेहनत से गुजरते हैं हम।इरादा नेक हो हमारा गर,हौसलों से उड़ान भरते हम।।बरसों लग जाते हैं

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टिमटिमाते सपनों का

12 जून 2022
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टिमटिमाते सपनों का,आना और जाना।रातों को भी नींद में,उठ कर बैठ जाना।।पूरे होंगे सपने सारे,ये आशा बनाए रखना।निराशा का तिल भर भी,न छू कर भी जाना।।कहते हैं कि दुनिया में,उम्मीद पे कायम है।फिर भी सपने पूरे

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आकाश से परे

13 जून 2022
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आकाश से परे एक दुनिया,सजाया देश की बेटियों ने।शेरनियों की भांति गर्जना की,मान बढ़ाया देश की बेटियों ने।।धरती का कलेजा फटा होगा,रोते हुए खुशी से झूमता होगा।आंसूओं से गला रूंधा होगा,रोते हुए गले लगाया त

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ऐ मुसाफिर

14 जून 2022
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कल बुरा था ऐ मुसाफिर,आज अच्छा हो जाएगा।वक़्त ही तो थमा मुसाफिर,रोके से क्या रुक जाएगा।।सफर की शुरुआत जो की,रास्तों से वो नहीं घबराते हैं।हौसला रखो बढ़ाने का कदम,मुसाफिर रास्ते खुद बनाते हैं।।रास्ता ऐ

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एक मासूम जान

14 जून 2022
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एक मासूम जान की कीमत,समझ नहीं सकता है कोई।मां ही समझ सकती है उसे,और नहीं समझ सकता कोई।।मासूम का रुदन उस दर्द को,मां ही है समझ सकती।करुणा भरी पुकार उसकी,मां ही तो फिर समझती।।एक मासूम जान उसकी,मां के आं

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अभिमान

14 जून 2022
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ये देश हमारी जान है, ईमान है।आन बान और शान है, अभिमान है।।स्वभाव है इसके अलग- अलग, शान है।हमें वतन पे मर मिटना है, अभिमान है।।तरह तरह के फूल खिले हैं, चमन एक है।अनेकता में एकता सिखाता, भाषाएं अनेक है।

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जिंदगी मेरे घर आना

16 जून 2022
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जिंदगी मेरे घर आना,आकर खुशियां बिखेरना।लाना खुशगवार जिंदगी,पाकर खुशियां बिखेरना।।सुना है तूफान का आना,भी जरूरी है जिंदगी में।पता चलता है तभी तो,फर्क अपने और पराए में।।कोई अगर बदले तो,कभी दुखी मत होना।

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परवरिश

16 जून 2022
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कुम्हला जाते हैं वह पौधे,छाव में होती है परवरिश।अक्सर कमजोर होते हैं वह,छाव में होती है परवरिश।।धूप भी जरूरी होती है,पौधों की परवरिश के लिए,मजबूती भी मिलनी चाहिए,पौधों को परवरिश के लिए।।हर मौसम को झेल

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हिसाब

16 जून 2022
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बुरा करके कभी किसी का,खुश मत होना ऐसे लोगों।ईश्वर तुम्हारा करेगा हिसाब,समझो ऐसे तुम कुछ लोगों।।संभलने भी नहीं देगा तुमको,हिसाब तुम्हारा वह ऐसे लेगा।रोने लायक भी नहीं छोड़ेगा,हिसाब तुम्हारा वह ऐसे लेगा

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परेशानियां

16 जून 2022
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परेशानियां जिंदगी में आती हैं,आत्म बल को संजोने के लिए।कल का सुकून पाने की चाहत,न आज का सुकून खोने के लिए।।अंदरुनी शक्ति की पहचान,करती है ये परेशानियां।न खोना तुम कभी भी,पहचान कराती परेशानियां।।जरा गौ

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सफलता

17 जून 2022
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अपने पे विश्वास करना,भी होती एक सफलता है।दूसरे से उम्मीद न रखना,भी होती एक सफलता है।।सफलता के हैं तीन नियम,है नियमों का पालन करना।खुद से खुद का वादा करना,है नियमों का पालन करना।।मजबूत इरादा रखना है,पा

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अंतर्मन

17 जून 2022
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अंतर्मन की पुकार सुन,मन को व्यक्त करना।मन जब आह्लादित होता,सब कुछ दुरुस्त लगना।।सब के सामने मुस्कुराना,मन में अंतर्द्वद्व का चलना।आसान क्या लगता मुस्काना,मन में तूफान का चलना।।अंतर्मन में निहित स्वार्

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अजीब होते लोग

19 जून 2022
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अजीब होते लोग दुनिया के,दुजों को साबित करते गलत।रंग बदलती इस दुनिया में,खुद ही हो जाते गलत।।अजीब होते लोग अपेक्षा क्यों,रास्ता बदलना ही मुमकिन नहीं।शक्ति लगाते खुद सही होने में,क्यों खुद बदलना मुमकिन

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उजियारा

20 जून 2022
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माना हमने की दीपक,तले ही अंधियारा होता है।फिर भी ये देता प्रकाश,चहुंओर उजियारा करता है।।हर रात गुजरती है ,अंधेरा छा जाता है।पौ फटते ही सुबह को,फिर उजियारा होता है।।लोग डरते हैं जाने क्यों,मुसीबत को दे

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रास्तों से

21 जून 2022
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मंजिले तय करते हैं हम,रास्तों से शुरुआत होती है।डगर टेड़ा ही सही तो क्या,रास्तों से शुरुआत होती है।।रास्ता पथरीला ही सही,बढ़ते चलो उस डगर पे।रुकावटें हटाते चलो तुम,बढ़ते चलो उस डगर पे।।मंजिल का पता नह

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मिट्टी

21 जून 2022
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फूलों की बहार छाई,जुड़ी मिट्टी से होती है।शाखा कितनी ऊंची होजड़े मिट्टी में होती है।।फूलों का खिलना भी,मन का हो मुस्काना।फूल खिलते हैं ऐसे,देते चमन को नजराना।।इंसा में संस्कार पनपते,जब जुड़े हो वो मिट

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भूमिका

22 जून 2022
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अच्छी भूमिका और अच्छे लक्ष्य।यही तो हमारे जीवन का उद्देश्य।।मुस्कराने की वजह जरूरी नहीं।बात बात पर मुस्कुराना ठीक नहीं।।मुलाकात की भूमिका भले ही न हो।हमसे जरूरी नहीं कि मुलाकात ही हो।।दिल में वही वही

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मुस्कराते रहो

22 जून 2022
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व्यर्थ दो चीजें,नहीं होनी चाहिए,अन्न के कण,और आनंद के क्षण,मुस्कराते रहो,कभी अपने लिए,कभी अपनों के लिए।फूलों में भी,पाए जाते हैं कीड़े,पत्थरों में भी,पाए जाते हैं हीरे,मुस्कराते रहो,कभी अपने लिए,कभी अ

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पत्थर

23 जून 2022
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पत्थर की तरह से ही,जैसे हो मजबूत इरादे।कभी न तोड़ना इनको,करो ये हमसे वादे।।पत्थर को तोड़ना भी,नहीं होता है आसान।वार गर बार बार करोगे,तोड़ना होता है आसान।।पत्थर में भी होता,है ये भगवान हमारा।मानो

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राजा - रंक

23 जून 2022
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कर्म प्रधान है राज्य हमारा,राजा - रंक जीवन के पर्याय।धर्म पर न आए संकट कभी,जीवन का है यही उपाय।।संपत्ति, उपलब्धि, सफलता,यही तो है मूलभूत कारण।कर्म, धर्म और सफलता,जीवन के ये है उदाहरण।।अहंकार से नहीं ब

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