यह मेरी पहली कहानी मैं आशा करती हूं कि आप लोगों को पसंद आए। इस कहानी में माता और पिता का वात्सल्य प्रेम अपने बेटे के प्रति है। इस कहानी में मिलना, बिछड़ना, प्यार, नाराजगी, खुशी सब मौजूद है। इस कहानी में पिता अपने बेटे को लिखाता, पढ़ाता है और उसे अफ़सर बनाता, लेकिन वह नहीं चाहता था कि उसका बेटा यह नौकरी करें। वह कुछ दूसरी नौकरी अपने बेटे के लिए चाहते थे।
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