'कुरुक्षेत्र' का प्रतिपाद्य यही है कि मनुष्य क्षुद्र स्वार्थों को छोड़कर, बुद्धि और हृदय में समन्वय स्थापित करे तथा प्राणपण से मानवता के उत्थान में जुट जाए। युद्ध एक विध्वंसकारी समस्या है, जिससे त्राण पाने के लिए क्षमा, दया, तप, त्याग आदि मानवीय मूल्यों को अपनाना पड़ेगा।
36 फ़ॉलोअर्स
31 किताबें