समाज और गाँधी, गाँधी और समाज
मैं मुंबई सर्वोदय मंडल, का आभारी हूँ कि मुझ जैसे सामान्य लेखक को बापू के भारत आगमन की शताब्दी के इस वरेण्य अवसर पर हिराबाग, टन्क परिसर में बोलने का अवसर दिया, जहाँ बापू ने भारत आने के पाँच दिन बाद बंबई के नागरिकों के समक्ष, 100 वर्ष पूर्व, पहला भाषण दिया था। यह वही पवित्र स्थान है जहाँ मुझ जैसा अदना