चरणों में पुष्प अर्पण करूँ हे माँ तेरा ही तेरा दर्शन करूँ मेरा पहला शब्द है माँ मुझे जीवन देने वाली माँ हर संकट में याद आये वो माँ चोट लगने पर मुंह से निकलता माँ तेरी भी माँ मेरी भी माँ जग तुझसे बना माँ जहाँ जाऊँ जिधर जाऊँ प्रेम की मूर्त माँ को पाऊँ इस दुनिया में कितना भी अच्छा खाना खाऊ तेरे हाथों जैसा स्वाद नहीं ले पाऊँ तू कितनी चिंता करती मेरी माँ तेरे अलावा मुझे समझने वाला कोई नहीं माँ आई लव यू माँ