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महादेवी वर्मा  के प्रसिद्ध लेख

महादेवी वर्मा के प्रसिद्ध लेख

महादेवी वर्मा

23 भाग
4 लोगों ने लाइब्रेरी में जोड़ा
16 पाठक
25 फरवरी 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

श्रीमती महादेवी वर्मा हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। उन्हें आधुनिक मीरा भी कहा गया है। महादेवी वर्मा जी हिंदी साहित्य में 1914 से 1938 तक छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती है। आधुनिक हिंदी की सबसे सशक्त कवियित्रियो में से एक होने के कारण उन्हें “आधुनिक मीराबाई ” के नाम से भी जाना जाता है। आधुनिक हिन्दी कविता की मूर्धन्य कवियत्री श्रीमती महादेवी वर्मा के काव्य में एक मार्मिक संवेदना है। आत्मिका में संगृहीत कविताओं के बारे में स्वयं महादेवीजी ने यह स्वीकार किया है कि इसमें मेरी ऐसी रचनाएं संग्रहीत हैं जो मेरी जीवन-दृष्टि, दर्शन, सौन्दर्यबोध और काव्य-दृष्टि का परिचय दे सकेंगी। उनकी कविता में रहस्यवाद का एक तत्व है। उसकी कविताएँ उसके दूर के प्रेमी को संबोधित हैं, जबकि उसका प्रेमी काफी रहता है और कभी नहीं बोलता। अपने काम दीपशिखा के साथ, जिसमें 51 कविताएँ हैं , उन्होंने हिंदी साहित्य के नए क्षेत्र- रहस्यवाद में कदम रखा। उन्होंने प्रसिद्ध हिंदी मासिक चांद के संपादक के रूप में भी काम किया |  

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श्रीमती महादेवी वर्मा हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। उन्हें आधुनिक मीरा भी कहा गया है। महादेवी वर्मा जी हिंदी साहित्य में 1914 से 1938 तक छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती है। आधुनिक हिंदी की सबसे सशक्त कवियित्रियो में से एक होने के कारण उन्हें “आधुनिक मीराबाई ” के नाम से भी जाना जाता है। आधुनिक हिन्दी कविता की मूर्धन्य कवियत्री श्रीमती महादेवी वर्मा के काव्य में एक मार्मिक संवेदना है। आत्मिका में संगृहीत कविताओं के बारे में स्वयं महादेवीजी ने यह स्वीकार किया है कि इसमें मेरी ऐसी रचनाएं संग्रहीत हैं जो मेरी जीवन-दृष्टि, दर्शन, सौन्दर्यबोध और काव्य-दृष्टि का परिचय दे सकेंगी। उनकी कविता में रहस्यवाद का एक तत्व है। उसकी कविताएँ उसके दूर के प्रेमी को संबोधित हैं, जबकि उसका प्रेमी काफी रहता है और कभी नहीं बोलता। अपने काम दीपशिखा के साथ, जिसमें 51 कविताएँ हैं , उन्होंने हिंदी साहित्य के नए क्षेत्र- रहस्यवाद में कदम रखा। उन्होंने प्रसिद्ध हिंदी मासिक चांद के संपादक के रूप में भी काम किया |

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बिंदा

14 जनवरी 2022

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वह चीनी भाई/चीनी फेरी वाला

14 जनवरी 2022

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सोना हिरनी

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14 जनवरी 2022

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नीलकंठ : मोर

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निक्की, रोजी और रानी

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14 जनवरी 2022

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गिल्लू

14 जनवरी 2022

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रामा

14 जनवरी 2022

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नीलू कुत्ता

14 जनवरी 2022

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दद्दा (मैथिलीशरण गुप्त)

14 जनवरी 2022

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स्मरण प्रेमचंद

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अपनी बात (अतीत के चल-चित्र)

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गौरा गाय

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भक्तिन

25 फरवरी 2022

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17

आत्मकथ्य (संस्मरण)

15 जनवरी 2022

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बिबिया

25 फरवरी 2022

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निराला भाई/जो रेखाएँ न कह सकेंगी

15 जनवरी 2022

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बिंदा

25 फरवरी 2022

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