एक वर्ष के आय व्यय का लेखा जोखा प्रस्तुत करना बजट कहलाता है। पिछ्ले साल कितना घाटा हुआ कितना मुनाफा हुआ उसका विवरण देना और आगामी साल में कितना खर्च करेंगे कितना हमारा मूलधन है उस आधार पर योजनाएं बनाना बजट कहलाता है।एक देश के लिए यह महत्वपूर्ण है।अलग अलग क्षेत्रों में जैसे शिक्षा स्वास्थ्य व्यापार व उद्योग में कितना प्रतिशत तक लाभ या सुविधाएँ देना है । पैसा कहाँ से आएगा व कितना ऋण लिया जाएगा। इसी प्रकार एक परिवार चलाने के लिए भी आय व्यय का लेखा जोखा रखना आवश्यक है। हर व्यक्ति को अपने पास क्या है? कितना खुद का आवक है? कितना मै खर्चा कर देता हूँ? क्या ऋण लेने की जरुरत है आदि की नालेज होना चाहिए।
वित्तीय वर्ष 1अप्रैल से शुरु होता है और 30 मार्च को समाप्त होता है। यह शासकीय समय है जो हर शासन की संस्थाओ में लागू होता है। जितना भी वित्त इस दौरान मिला है उसे 30 मार्च की स्थिति में किन किन मदो में खर्च किया गया है।अन्त शेष कितना है देना होता है।
एक व्यक्ति चाहे तो 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक अपना बजट घर परिवार का बना सकता है।जब तक कोई प्लानिंग नही रहेगी तब तक वित्त व्यवस्था दिशाहीन रहेगी। आय व्यय में अनुशासन रखना चाहिए तभी घर परिवार का चूल्हा जलेगा।
किसी भी देश में गरीब मध्यम व अमीर तबके के लोग रहते है ये वित्तीय प्रणाली के आधार पर वर्गीकरण है। इसमे मध्यम वर्ग की संख्या अधिक है जिस पर बजट का सर्वाधिक असर पड़ता है। कोई भी वस्तु की दर जब बढ़ती है तो मध्यम वर्ग के लोग उस वस्तु का इस्तेमाल करते है जिससे उसके जेब पर भारी पड़ता है। नौकरीपेशा लोगो को आय बढ़ने पर टेक्स देना होता है उसके आय की जानकारी सरकार को रहती है।वह माहं गाई की मार भी झेलती है।सरकार को अधिक मात्रा में आय इन्ही लोगो से मिलता है। ये शिक्षित वर्ग लोग है जो अपने बच्चे को पढ़ाना लिखाना चाहते है।आगे बढ़ना चाहते है, स्वच्छ रहना चाहते है। वह दैनिक इस्तेमाल होने वाले चीजो जैसे राशन सामग्री,कपड़ा मकान,ईंधन व भ्रमण आदि पर व्यय करते है। यही चीज जब बजट में महंगी होती है तो आम जनता को नुकसान होता है हर वस्तु की कीमत आज दिनो दिन बढ़ रही है। शक्कर जो कभी 20 रु किलो था आज 40 रु हो गई है।समोसा जो कभी 10 रु प्लेट मिलता था आज 25 रु प्लेट है। पेट्रोल जो कभी 60 रु लिटर था आज 100 पार कर गया है। कार बाइक की कीमते हर साल बढ़ रही है। मध्यम वर्ग इससे अछूता नहीं है। गरीब भूखा रह सकता है अमीर के पास काफी धन है पर मध्यम वर्ग को जीना है उसके पास भावनाएँ भी है।वह समाज में सम्मान के साथ जीना चाहता है।