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मालगुडी डेज की प्रसिद्ध कहानियाँ

आर. के. नारायण

10 अध्याय
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13 मई 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

मालगुडी के सुप्रसिद्ध भारतीय लेखक आर के नारायण की अनेक रचनाओं में केंद्रीय महत्व प्राप्त एक काल्पनिक शहर (कस्बा) का नाम है। उन्होंने इस काल्पनिक शहर को आधार बनाकर अपनी अनेक रचनाएँ की हैं। मालगुडी को प्रायः दक्षिण भारत का एक काल्पनिक कस्बा माना जाता है। लेखक ने इस संग्रह की कहानियों की रचना एक काल्पनिक शहर मालगुडी को आधार बनाकर की हैं। मालगुडी को प्रायः दक्षिण भारत का एक काल्पनिक कस्बा माना जाता है; परंतु स्वयं लेखक के कथनानुसार "अगर मैं कहूँ कि मालगुडी दक्षिण भारत में एक कस्बा है तो यह भी अधूरी सच्चाई होगी, क्योंकि मालगुडी के लक्षण दुनिया में हर जगह मिल जाएँगे।"  

malgudi daj ke prasiddh kahaniyan

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आर. के. नारायण की अन्य किताबें

पुस्तक के भाग

1

डॉक्टर के शब्द

13 मई 2022
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डॉ. रमन के पास मरीज बीमारी के आखिरी दिनों में ही आते थे। वे अक्सर चिल्लाते, ‘तुम एक दिन पहले क्यों नहीं आ सकते थे?’ इसका कारण भी साफ थाः डॉक्टर की बड़ी फीस और इससे भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण बात यह कि कोई

2

लॉली रोड

13 मई 2022
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बातूनीराम ने कहना शुरू किया : बहुत सालों तक मालगुडी के लोगों को पता ही न था कि यहाँ कोई म्युनिसपैलिटी भी है। और इससे क़स्बे का कोई नुक़सान भी न था। बीमारियाँ अगर वे शुरू भी होतीं, तो कुछ दिन बाद ख़ुद ही

3

बीवी छुट्टी पर

13 मई 2022
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कन्नन अपनी झोंपड़ी के दरवाजे पर बैठा गाँव के लोगों को आते-जाते देख रहा था। तेली सामी अपने बैल को हाँकता सड़क से गुजरा। उसे देखकर बोला, ‘आज आराम करने का दिन है ? तो शाम को मंटपम में आ जाना।” कई और लोग

4

कितनी पूर्णता

13 मई 2022
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सोम को यह सोचकर अच्छा लग रहा था कि उसकी पाँच साल की मेहनत अब पूरी हो रही है। उसने अपने जीवन में बहुत-सी मूर्तियां बनाई थीं लेकिन इतना बड़ा काम कभी नहीं किया था। वह अक्सर अपने से कहता था कि उसकी बनाई न

5

ज्योतिषी का एक दिन

13 मई 2022
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ठीक दोपहर के समय वह अपना थैला खोलता और ज्योतिष की दुकान लगाता : दर्जन भर कौड़ियाँ, कपड़े का चौकोर टुकड़ा जिस पर कई रहस्यमय रेखाएं खिंची थीं, एक नोटबुक ताड़पत्रों की एक किताब। उसके माथे पर बहुत-सी भभूत

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आश्रय

13 मई 2022
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अचानक बरसात शुरू हो गई। उसे जो अकेली सुरक्षा प्राप्त हो सकती थी, वह था, सड़क के किनारे खड़ा, विशाल तने और ऊपर फैली शाखाओं वाला बरगद का पेड़। वह निरपेक्ष भाव से नीचे गिरते पानी को देखता रहा, जिसका झोंक

7

सूरज जैसा

13 मई 2022
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सत्य, शेखर सोच रहा था, सूरज की तरह है। मेरा ख़्याल है कि कोई भी आदमी बिना आंखें झपकाए या चौंधियाए हुए इसे सामने से देख नहीं सकता। वह महसूस करता था कि, सुबह से शाम तक, मानवी संबंधों का तत्व सत्य को कम

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स्वामी की मीठी ईद

13 मई 2022
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"देख स्वामी, पिछली बार मैंने सिर्फ़ तुम्हारे कहने पर तुम्हारे और तुम्हारे सारे दोस्तों के साथ जी भर के होली खेली थी और दीवाली पर तुम्हारे घर पर आतिशबाज़ी के मज़े लिए थे।" मालगुडी के मुख्य पार्क के स्केटि

9

स्वामी और उसके दोस्त

13 मई 2022
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स्वामी और उसके दोस्त की कहानी अगर आप आज भी  देखेंगे तो 80 के दशक में जन्मे  लोगो को अपने बचपन की याद आयेगी |  स्वामी को देखकर आपको अपने बचपन वो हर किस्सा याद आ जाएगा जिसे आप भूल गये थे कि किस तरह स्कू

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मिठाईवाला

13 मई 2022
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मिठाईवाला इस नाटक की कहानी बाप और बेटे के रिश्ते पर आधारित होती है | इस कहानी में जगन एक मिठाईवाला होता है | वो अपने बेटे से हर वक़्त कॉलेज में बारे में पूछता है लेकिन वो हर बात को नकार देता है | एक दि

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