shabd-logo

Motivational Stories by Jaya Sharma ‘प्रियंवदा’ के बारे में

शिक्षित और सांस्कृतिक परिवेश में परवरिश होने के कारण अपने मनोभाव को लिखने पढने की पसन्द बचपन से ही अंकुरित हो गई ।

पुरस्कार और सम्मान

prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2021-11-30

Motivational Stories by Jaya Sharma ‘प्रियंवदा’ की पुस्तकें

कहानियों का एक छोटा सा सफर

कहानियों का एक छोटा सा सफर

हर चेहरा कुछ कहता है और हर कोई अनेकों किरदार बखूबी निभाने की कला जानता है ।

निःशुल्क

कहानियों का एक छोटा सा सफर

कहानियों का एक छोटा सा सफर

हर चेहरा कुछ कहता है और हर कोई अनेकों किरदार बखूबी निभाने की कला जानता है ।

निःशुल्क

हम और हमारे अहसास

हम और हमारे अहसास

हमारे आंगन की शान रही चारपाई ,शान चारपाई से नहीं उस पर बैठी हमारी अम्माजी से बढ़ती थी। 95 साल की उम्र में भी अम्माजी को दिनभर बिस्तर पर लेटे पड़े रहना पसंद ना था ,और ना ही दिन भर अपने बिस्तर बिछे रहने देती । अरे हां सच में आज की तरह दिनभर बिस्तर बिछे

निःशुल्क

हम और हमारे अहसास

हम और हमारे अहसास

हमारे आंगन की शान रही चारपाई ,शान चारपाई से नहीं उस पर बैठी हमारी अम्माजी से बढ़ती थी। 95 साल की उम्र में भी अम्माजी को दिनभर बिस्तर पर लेटे पड़े रहना पसंद ना था ,और ना ही दिन भर अपने बिस्तर बिछे रहने देती । अरे हां सच में आज की तरह दिनभर बिस्तर बिछे

निःशुल्क

निशब्द मैं  (कविता संग्रह)

निशब्द मैं (कविता संग्रह)

मेरी भावनाएं जो विखर कर महकना चाहें

9 पाठक
1 रचनाएँ
0 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 21/-

निशब्द मैं  (कविता संग्रह)

निशब्द मैं (कविता संग्रह)

मेरी भावनाएं जो विखर कर महकना चाहें

9 पाठक
1 रचनाएँ
0 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 21/-

एक छोटा सा सफर कहानियों के साथ

एक छोटा सा सफर कहानियों के साथ

हर चेहरे के पीछे कोई न कोई कहानी होती ही है, कभी कभी किसी की याद गुदगुदा कर मुस्कुराती है तो कभी किसी की यादें माथे की लकीरों को बढा देती है, हर चेहरा बहुत कुछ यादों की खिड़की से अपने भीतर झांकता सा महसूस होता है । कुछ इधर उधर के मनोभावों को शब्दों स

निःशुल्क

एक छोटा सा सफर कहानियों के साथ

एक छोटा सा सफर कहानियों के साथ

हर चेहरे के पीछे कोई न कोई कहानी होती ही है, कभी कभी किसी की याद गुदगुदा कर मुस्कुराती है तो कभी किसी की यादें माथे की लकीरों को बढा देती है, हर चेहरा बहुत कुछ यादों की खिड़की से अपने भीतर झांकता सा महसूस होता है । कुछ इधर उधर के मनोभावों को शब्दों स

निःशुल्क

Motivational Stories by Jaya Sharma ‘प्रियंवदा’ के लेख

हुलसी के तुलसी

23 जनवरी 2022
2
2

(हुलसी के तुलसी ) हिंदी साहित्य का प्रत्येक काल, अपने विशिष्ट, अनमोल रत्न रूपी कवियों से युगों उपरांत भी अपनी अमिट आभा से सभी को आलोकित कर रहा है ।

निशब्द मैं

17 जनवरी 2022
5
2

अपनी हर जीत को मेरी हार ना समझ लेना मेरी हर हार को अपनी जीत न समझ लेना हां में मिली हां को मेरी हां ना समझ लेना मेरी चुप्पी को मेरी खामोशी न समझ लेना मेरी हर हा

यादों की खिड़की

5 दिसम्बर 2021
0
0

<div>बीसवीं सदी से आए हुए हम ,जब 21वीं सदी के लोगों को नववर्ष मनाते देखते हैं, तो बहुत कुछ क्या सब क

आने वाली पीढ़ी के लिए साहित्य स्रजक हम

30 नवम्बर 2021
5
2

<div>साहित्य समाज का दर्पण होता है ।</div><div>प्रत्येक बीते हुए समय को जानने के लिए , हमारे लिए तत्

दीपावली की लोककथा

4 नवम्बर 2021
2
3

<div>कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीपमाला करने से दरिद्रता का विनाश हो जाता है इस संबंध में हमारे घरों

हम और हमारे एस्ट्रोनॉट बजरंग बली

23 अक्टूबर 2021
0
0

<div>कहानी एस्ट्रोनॉट की हो तो अपने इष्ट को याद करके बडा गर्व अनुभव हो रहा है ।मेरे इष्ट बजरंग बली स

गांव की रज्जो

22 अक्टूबर 2021
1
2

<div>आधी उम्र बीत गई रज्जो को अपनी पहचान अपनों के बीच खोजते खोजते ।रज्जो के कान में जब आवाज आती है ह

क्रोध का अन्त

17 अक्टूबर 2021
1
2

<div>क्रोध का अन्त गांव में एक चौधरी साहब रहते थे उनको चौधरी कहकर उनकी पत्नी बुलाया करती थी और इसी न

क्रोध का अन्त

17 अक्टूबर 2021
4
4

<div>क्रोध का अन्त गांव में एक चौधरी साहब रहते थे उनको चौधरी कहकर उनकी पत्नी बुलाया करती थी और इसी न

बहू की मां भी मां ही होती है

17 अक्टूबर 2021
3
2

<div>मशहूर बिजनेसमैन अवनीश की बेटी की शादी को एक हफ्ता ही तो बचा है ,अवनीश अपनी बेटी की शादी को यादग

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए