मेरे किताब का "नाम ख़ुद की तराश" है। खुद की तराश किताब में मैंने कुछ कविताएं लिखी हुई है। मैं यह नहीं कहती कि मैं बहुत अच्छी कावित्री हु। मैंने अभी कविताएं लिखना शुरू किया है। और मैं कविता लिखना सीख रही हुं। और यह कविताए मेरी छोटी सी पहल है। मैंने अप
श्री राम और माता सीता से प्रेरणा प्राप्त कर होली के अवसर पर भक्तिभाव से लिखी गई एक काल्पनिक कथा