हम सब के मन में कुछ इच्छाएँ सुप्त अवस्था में रहती हैं लेकिन कोई एक पल ऐसा आता है जब हमारी सोई हुई इच्छा फिर से जाग जाती है और सारे बाँध तोड़ कर उन्मुक्त नदी की तरह बहने लगती है यानि की उसे हर हाल में अपने सपनों को साकार करने की जिद्द सवार हो जाती है ठीक ऐसा ही इस कथा की नायिका लता के साथ है। उसके सपने पूरे होते हैं या नहीं चलिए देखते हैं।