shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

निर्मला

मुंशी प्रेमचंद

4 अध्याय
17 लोगों ने लाइब्रेरी में जोड़ा
23 पाठक
17 जनवरी 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। इस उपन्यास की कथा का केन्द्र और मुख्य पात्र 'निर्मला' नाम की १५ वर्षीय सुन्दर और सुशील लड़की है। निर्मला का विवाह एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति से कर दिया जाता है। जिसके पूर्व पत्नी से तीन बेटे हैं। निर्मला का चरित्र निर्मल है, परन्तु फिर भी समाज में उसे अनादर एवं अवहेलना का शिकार होना पड़ता है। प्रेमचन्द सामाजिक जीवन को एक नई गति और दिशा प्रदान करने वाले युगचेता साहित्यकार थे। वे साहित्य को मानव की संवेदना और आन्तरिक व्यक्तित्व को बदलने का एक समर्थ औज़ार मानते थे। उन्होंने अपनी अनेक रचनाओं में नारी-जीवन से जुड़ी अनेकानेक विषमताओं को उद्घाटित किया है। तत्कालीन युग में व्याप्त दहेज प्रथा व अनमेल विवाह की त्रासदी से आहत प्रेमचन्द ने अपने ‘निर्मला’ उपन्यास में अत्यन्त व्यापकता के साथ इन समस्याओं को उठाया है। उन्होंने इस उपन्यास में भारत की निरीह, अबला नारी को केन्द्र में रखकर उसकी अमानवीय जीवन-स्थितियों को उद्घाटित करने का भरसक प्रयत्न किया है। नारी-जीवन से सम्बन्धित समस्याओं तथा उनके दुष्परिणामों के चित्रण के मूल में प्रेमचन्द्र जी का मुख्य उद्देश्य यही रहा है कि विद्रोह का नारा बुलन्द करने से पहले वे उसकी स्वीकृति के लिए उपयुक्त समाज का गठन चाहते थे। 

nirmala

0.0(1)

पुस्तक के भाग

1

निर्मला भाग 01

14 जनवरी 2022
15
0
0

यों तो बाबू उदयभानुलाल के परिवार में बीसों ही प्राणी थे, कोई ममेरा भाई था, कोई फुफेरा, कोई भांजा था, कोई भतीजा, लेकिन यहाँ हमें उनसे कोई प्रयोजन नहीं, वह अच्छे वकील थे, लक्ष्मी प्रसन्न थीं और कुटुम्ब

2

निर्मला भाग 02

17 जनवरी 2022
8
1
0

निर्मला का विवाह हो गया। ससुराल आ गयी। वकील साहब का नाम था मुंशी तोताराम। सांवले रंग के मोटे-ताजे आदमी थे। उम्र तो अभी चालीस से अधिक न थी, पर वकालत के कठिन परिश्रम ने सिर के बाल पका दिये थे। व्यायाम क

3

निर्मला भाग 03

17 जनवरी 2022
2
0
0

मंसाराम के जाने से घर सूना हो गया। दोनों छोटे लड़के उसी स्कूल में पढ़ते थे। निर्मला रोज उनसे मंसाराम का हाल पूछती। आशा थी कि छुट्टी के दिन वह आयेगा, लेकिन जब छुट्टी के दिन गुजर गये और वह न आया, तो निर

4

निर्मला भाग 04

17 जनवरी 2022
3
1
1

कृष्णा के विवाह के बाद सुधा चली गई, लेकिन निर्मला मैके ही में रह गई। वकील साहब बार-बार लिखते थे, पर वह न जाती थी। वहां जाने को उसका जी न चाहता था। वहां कोई ऐसी चीज न थी, जो उसे खींच ले जाये। यहां माता

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए