दुखभरी शायरी
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मुझे आदत लगा कर। अपना बनाकर।वो रोता हुआ छोड़ गई। साथ हँसने के सपने दिखा कर। ओस की बूंदो मे भीगी मेरी जिंदगी। न सुखि, न डूबी हुई। उसकी हर बात याद है मुझे।उसका हर वादा याद है मु